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अज्ञात शवों का दाह संस्कार कर्मचारी करते हैं
राजधानी रायपुर में हर महीने 20-25 मृतक अज्ञात होते हैं। या फिर संक्रमित होने पर परिजन शव लेने नहीं पहुंचते। कई बार नगर निगम, जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा संपर्क भी किया जाता है, तो फोन स्वीच ऑफ मिलता है या फिर कॉल रिसीव नहीं करते। या फिर जवाब मिलता है, हमें दाहसंस्कार नहीं करना। इस स्थिति में निगम अमला, पुलिस की अनुपस्थिति में दाह संस्कार की प्रक्रिया पूरी करता है। निगम द्वारा अज्ञात शवों के विज्ञापन भी अखबारों में जारी किए जा रहे हैं, ताकि उनके अपने पहचान कर सकें।
जिला प्रशासन, निगम और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त व्यवस्था
मृतकों के मुक्तांजलि (शव वाहन) 1099 से अस्पताल से मुक्तिधाम तक पहुंच जाए जाते हैं। जहां निगम की टीम पीपीई किट पहनकर दाह संस्कार के लिए तैयार रहती है। परिजनों को पीपीई किट दी जाती है, या फिर वे लेकर आते हैं। लकड़ी की व्यवस्था निगम द्वारा करवाई जाती है। इसका निर्धारित शुल्क लिया जाता है।
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नगर निगम रायपुर के अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने कहा, जो परिजन कोरोना से मरने वाले परिवार के सदस्य को मुखाग्नि देना चाहते हैं, उन्हें अनुमति दी जाती है। ऐसे लोग भी हैं जो नहीं देना चाहते, तो हमारी टीम इस रस्म को पूरा करती है।