
Kalash Sthapana 2024: छत्तीसगढ़ में नवरात्री का पर्व बड़े ही धूम धाम और आस्था के साथ चैत्र नवरात्रि पर्व मनाया जाता है। साथ ही छत्तीसगढ़ में भगवती माता दुर्गा के अलग अलग रूपों में विराजमान कई शक्तिपीठ और सिद्धिपीठ स्थापित हैं। नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन घट स्थापना की जाती है और मां के प्रथम स्वरूप देवी शैलपुत्री की पूजा के साथ नौ दिनों का त्योहार शुरू होता है।
Kalash Sthapana 2024: इस बार शारदीय नवरात्रि की शुरूआत 3 अक्तूबर को होने जा रही है। हिंदू कैलेंडर के मुताबिक, आश्विन माह में शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। बता दें कि 3 अक्टूबर से शुरू होकर 11 अक्टूबर को नवमी पूजन के साथ नवरात्रि समाप्त हो जाएगी और 12 नवंबर को देवी मां को विसर्जित किया जाएगा।
CG Navratri Utsav: रायपुर में प्रसिद्ध महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला का कहना है कि इस तिथि पर कलश स्थापना का मुहूर्त शुभ है। प्रातः 6 बजकर 15 मिनट से प्रातः 7:22 मिनट तक रहेगा। वहीं पूजा के लिए भी कई शुभ योग बन रहे हैं, जिनमें ऐन्द्र योग का नाम मुख्य रूप से शामिल है।
CG Navratri Utsav: नवरात्रि के पहले दिन गाय पर सवार मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की जाती है। लेकिन सबसे पहले कलश स्थापना पूजा होती है और देवी को भी प्रतिष्ठित करने के बाद ही उनके शैलपुत्री स्वरूप की आराधना की जाती है। कलश स्थापना के लिए पहला मुहूर्त सुबह 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 22 मिनट तक है। वहीं अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बज कर 52 मिनट से लेकर 12 बजकर 40 मिनट तक है।
मां शैलपुत्री की सवारी गाय है इसलिए उन्हें गाय के दूध से बनी चीजों का ही भोग लगाया जाता है। पंचामृत के अलावा आप देवी शैलपुत्री को खीर या दूध से बनी बर्फी का भोग लगा सकते हैं। इसके अलावा आप घी से बने हलवे का भी प्रसाद चढ़ा सकते हैं। खास बात यह है कि गाय के दूध से बनी बर्फी का देवी को भोग लगाने के अलावा आप व्रत के दौरान भी खा सकते हैं।
Updated on:
01 Oct 2024 02:43 pm
Published on:
01 Oct 2024 02:39 pm
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