27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

निजी मेडिकल कॉलेजों में NRI सीटों पर बाहरी राज्यों का कब्जा, 70% से ज्यादा एडमिशन दूसरे प्रदेशों से…

CG Medical College: रायपुर प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई की सीटों पर प्रवेश का लाभ दूसरे प्रदेश के छात्रों को ज्यादा मिल रहा है।

2 min read
Google source verification
निजी मेडिकल कॉलेजों में NRI सीटों पर बाहरी राज्यों का कब्जा, 70% से ज्यादा एडमिशन दूसरे प्रदेशों से...(photo-patrika)

निजी मेडिकल कॉलेजों में NRI सीटों पर बाहरी राज्यों का कब्जा, 70% से ज्यादा एडमिशन दूसरे प्रदेशों से...(photo-patrika)

CG Medical College: पीलूराम साहू. छत्तीसगढ़ के रायपुर प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में एनआरआई की सीटों पर प्रवेश का लाभ दूसरे प्रदेश के छात्रों को ज्यादा मिल रहा है। दरअसल साढ़े चार साल कोर्स की फीस 1.38 करोड़ रुपए है। प्रदेश के छात्रों का प्रवेश भी होता है, लेकिन इनकी संख्या कम है।

प्रवेश लेने वाले छात्रों में ज्यादातर डॉक्टर, बिजनेसमैन व कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के बच्चे व रिश्तेदार होते हैं। पिछले 5 सालों में प्रवेश लेने वालों में 70 फीसदी से ज्यादा छात्र दूसरे राज्यों के रहे हैं। प्रदेश में एनआरआई कोटे की 120 सीटें हैं। इन सीटों पर स्पांसर्ड एनआरआई को प्रवेश देना है। स्पांसर्ड का मतलब ये होता है कि इसमें खून की दो पीढ़ी के रिश्तेदारों को प्रवेश दिया जा सकता है। इसलिए यहां इस कोटे से प्रवेश में बड़ा खेल चल रहा है।

CG Medical College: स्पांसर्ड एनआरआई से रिश्तेदार भी पात्र

जानकारों के अनुसार वास्तविक एनआरआई गिनती के होते हैं। नियमों के फेर में कोई भी एनआरआई बन जाता है और मोटी फीस देकर डॉक्टर बनने में भी कामयाब हो जाता है। पत्रिका की पड़ताल में पता चला है कि साउथ से लेकर महाराष्ट्र व मध्यप्रदेश के काफी संख्या में छात्र प्रवेश लेते हैं। ये प्रवेश काउंसलिंग के अनुसार होता है, लेकिन दलालों का दावा है कि उनके बिना एडमिशन नहीं हो सकता। हालांकि चिकित्सा शिक्षा विभाग व काउंसलिंग से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि दलाल केवल भ्रम में डाल रहे हैं।

प्रदेश में एनआरआई कोटे के लिए क्राइटेरिया में पहले ही बदलाव किया गया है। पहले केवल माता-पिता के विदेश में रहने पर उनके बेटे व बेटी एनआरआई कोटे के लिए पात्र था। अब नाना-नानी, चाचा-चाची, ताऊ, मामा-मामी या दूसरे रिश्तेदारों के विदेश में होने पर एनआरआई कोटे के लिए पात्र हैं। एमबीबीएस प्रवेश नियम में दो पीढ़ी पहले तक माता-पिता पक्ष से रक्त संबंध की पुष्टि करने वाला प्रवेश के लिए पात्र है।

स्पांसर्ड एनआरआई से रिश्तेदार भी पात्र

जैसे माता, पिता, भाई, बहन, भाई-बहन की संतान, चाचा, चाचा की संतान, मामा, मामा की संतान, मौसी, मौसी की संतान, बुआ, बुआ की संतान, नाना-नानी, दादा-दादी आदि शामिल है। इसके लिए वंशावली प्रमाणपत्र जरूरी है, जो तहसीलदार या उच्च अधिकारी द्वारा जारी किया जाता है।

नीट यूजी के 720 में महज 113 नंबर लाने पर भी एनआरआई कोटे के तहत प्रवेश मिल गया है। प्रदेश में 2024-25 के लिए यह सबसे कम कट ऑफ है। हालांकि दूसरे व तीसरे राउंड में इससे ज्यादा नीट स्कोर वालों का एडमिशन हो रहा है। कम स्कोर में प्रवेश होने के कारण धनाढ्य बच्चों को इस कोटे के तहत एडमिशन दिलाना चाहते हैं। एनआरआई कोटे में नियमानुसार प्रवेश दिया जा रहा है। हो सकता है, इसमें दूसरे राज्यों के छात्र भी प्रवेश ले रहे हों। काउंसिलिंग व मेरिट के अनुसार प्रवेश दिया जाता है।