
अब राजस्थान के ठग हो गए सक्रिय
CG Fraud News: रायपुर। साइबर ठगी करने के लिए कुख्यात झारखंड के जामताड़ा गिरोह से लोग परेशान थे, अब राजस्थानी साइबर ठगों का गिरोह भी ज्यादा सक्रिय हो गया है। इस गिरोह की रोज 5 से ज्यादा साइबर ठगी की शिकायतें पुलिस को मिल रही है।
यह गिरोह यूट्यूब में वीडियो लाइक-सब्सक्राइब, सेक्सटार्शन और ओएलएक्स के जरिए सेकंडहैंड सामान बेचने के नाम पर ठगी कर रहा है। इनमें राजस्थान के भरतपुर, मेवात जैसे इलाकों के साइबर ठगी करने वाले युवक शामिल हैं। छत्तीसगढ़ ही नहीं, बल्कि कई राज्यों में ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं। पुलिस गिरोह से जुड़े आरोपियों की तलाश में लगी है। उल्लेखनीय है कि पहले जामताड़ा के साइबर ठग (Fraud News) देशभर में बैंकिंग से जुड़े फ्रॉड करते थे। अब उस तरह की ठगी कम होने लगी है। जामताड़ा का स्थान भरतपुर, मेवात, हरियाणा आदि ने ले लिया है।
ऐसे दे रहे हैं झांसा
यूट्यूब के जरिए: पार्ट टाइम जॉब करके ज्यादा पैसा कमाने की इच्छा रखने वालों को यूट्यूब में उनके वीडियो को लाइक-शेयर और सब्सक्राइब करने कहा जाता है। शुरुआत में इसके एवज में कुछ रकम देते हैं। फिर धीरे से क्रेडिट टास्क देने लगते हैं। जितनी राशि जमा होती है, उससे ज्यादा रकम देते हैं। इसके बाद और ज्यादा रकम जमा करने कहा जाता है। इस तरह काफी रकम जमा करवाकर ठगी करते हैं।
सेक्सटार्शन: वाट्सऐप चैटिंग करके दोस्ती करते हैं। इसके बाद किसी युवती से अश्लील मैसेज करवाते हैं। फिर वीडियो कॉल करके युवती अश्लील हरकतें करने को कहती हैं। कई लोग वैसा ही करने लगते हैं। इस हरकत की वीडियो क्लिपिंग बनाकर मोबाइलधारक को (Online Fraud) ब्लैकमेल करने लगते हैं।
ओएलएक्स: ओएलएक्स में फर्जी आर्मीमेन बनकर सक्रिय रहते हैं। सेकंडहैंड सामान बेचने-खरीदने के नाम पर लोगों को झांसा देकर ठगी करते हैं। सेना का जवान मानकर लोग उन पर भरोसा कर लेते हैं।
5 से ज्यादा मामले रोज
राजस्थानी साइबर ठग गिरोह तीन पैटर्न से लोगों को ऑनलाइन ठग रहे हैं। यूट्यूब में वीडियो लाइक-शेयर और सब्सक्राइब, सेक्सटार्शन और ओएलएक्स में फर्जी आर्मीमेन बनकर लोगों को ठग रहे हैं। ये तीन पैटर्न इनकी पहचान बन गई है। पुलिस के पास रोज आने वाली साइबर ठगी की शिकायतों में से 5 से ज्यादा मामले राजस्थानी साइबर ठगों से ही जुड़े होते हैं।
दूसरे सिम का करते हैं इस्तेमाल
राजस्थानी साइबर ठगों सहित सभी साइबर ठग दूसरों के नाम पर लिए गए मोबाइल सिम का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा जिन बैंक खातों में रकम ट्रांसफर करते हैं, वह भी दूसरों के नाम-पते वाले होते हैं। इस कारण ये ठग जल्दी पकड़े नहीं जाते हैं। जब पकड़े जाते हैं, तो ठगी की राशि मिलना भी मुश्किल हो जाता है।
साइबर ठगी करने वाले कई गिरो हैं। पुलिस उनकी एक्टीविटी पर नजर रखती है। अधिकांश मामलों में मोबाइल सिम और बैंक खाते दूसरों के नाम-पते (Raipur Fraud News) पर होते हैं। इस कारण असली ठगों को पकड़ने में देरी होती है। इसके बावजूद समय पर शिकायत मिलती है, तो ठगों के खातों की राशि को होल्ड करवा दिया जाता है।
-दिनेश सिन्हा, डीएसपी, एसीसीयू, रायपुर
Published on:
28 Jul 2023 10:17 am
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