6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Swine Flu in cg: बड़ी राहत! प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीज जीरो, मौत के आकड़ें भी हुए कम

Swine Flu in cg: रायपु़र राजधानी समेत प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीज कम हो गए हैं। ये बड़ी राहत की बात है। जनवरी से अब तक 450 से ज्यादा मरीज मिले हैं। 20 से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई है।

2 min read
Google source verification
Swine Flu in CG

Swine Flu in cg: छत्तीसगढ़ के रायपु़र राजधानी समेत प्रदेश में स्वाइन फ्लू के मरीज कम हो गए हैं। ये बड़ी राहत की बात है। जनवरी से अब तक 450 से ज्यादा मरीज मिले हैं। 20 से ज्यादा लोगों की मौत भी हुई है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड में मरीज बढ़ सकते हैं या नहीं, यह अभी से नहीं कह सकते। वैसे ट्रेंड के अनुसार यह बीमारी ठंड के सीजन में ज्यादा फैलती है। बिलासपुर में भी मरीज नहीं आ रहे हैं।

यह भी पढ़ें: Swine Flu in CG: सावधान..! प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा स्वाइन फ्लू का खतरा, अब तक इतने लोगों की हुई मौत

Swine Flu in cg: मौत के आकड़ें भी हुए कम

Swine Flu in cg: रायपुर के निजी अस्पतालों में अभी एक या दो ही मरीज का इलाज चल रहा है। सभी खतरे से बाहर है। जुलाई में राजधानी में स्वाइन फ्लू ने दस्तक दी थी। अगस्त में अच्छे खासे मरीज आने लगे। बिलासपुर में तो मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई थी। महामारी नियंत्रण शाखा के अधिकारियों के अनुसार अभी प्रदेश के किसी जिले से स्वाइन फ्लू के मरीजों की जानकारी नहीं आ रही है।

राजधानी में स्वाइन फ्लू की मरीज की मौत के बाद एक बड़े निजी अस्पताल में बड़ा बवाल भी हो चुका है। आंबेडकर अस्पताल के चेस्ट व मेडिसिन विभाग में गले में इंफेक्शन व सांस में तकलीफ वाले मरीज इक्के-दुक्के ही पहुंच रहे हैं। डॉक्टरों के अनुसार, जिन लोगों को फेफड़े, हार्ट, कैंसर, लीवर व किडनी की गंभीर बीमारी है, उनके लिए स्वाइन लू ज्यादा खतरनाक है। ऐसे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत होती है।

टॉपिक एक्सपर्ट

चेस्ट नेहरू मेडिकल कॉलेज के एचओडी डॉ. आरके पंडाअब स्वाइन फ्लू के मरीज नहीं आ रहे हैं। ठंड में केस बढ़ सकते हैं या नहीं, स्पष्ट रूप से कहना संभव नहीं है। ज्यादातर मरीज ट्रेवल हिस्ट्री वाले रहे हैं। कुछ मरीज वेंटिलेटर पर रहने के बावजूद स्वस्थ होकर गए हैं। सर्दी, खांसी व सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

संजीवनी कैंसर अस्पताल के डायरेक्टर डॉ. युसूफ मेमन ने कैंसर के मरीजों की रोग प्रतिरोधक क्षमता वैसे ही कम हो जाती है। इसलिए उन्हें स्वाइन फ्लू समेत दूसरी बीमारी आसानी से होने की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। भीड़ वाले स्थानों पर मॉस्क लगाना सबसे बढ़िया विकल्प है।

यह भी पढ़ें: Swine Flu in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में बढ़े स्वाइन फ्लू के मामले, 60 दिनों में 7 लोगों की मौत, 100 से अधिक एक्टिव केस

ज्यादातर ट्रेवल हिस्ट्री वाले बाहर से बीमार होकर आए

राजधानी के सरकारी व निजी अस्पतालों में भर्ती मरीज ट्रेवल हिस्ट्री वाले रहे हैं। यहां बिलासपुर, धमतरी, दुर्ग व रायगढ़ इलाके के काफी मरीजों ने इलाज करवाया है। इसमें कुछ मरीज वेंटीलेटर पर रहने के बावजूद स्वस्थ हुए हैं। लोग सर्दी, खांसी व वायरल फीवर को हल्के में लेकर देरी से इलाज करवाए। इससे केस बिगड़े। ऐसे ही लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से हुई है। आंबेडकर अस्पताल के चेस्ट विभाग में उन्हीें मरीजों का इलाज किया गया, जिन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई। चूंकि स्वाइन फ्लू फेफड़े को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है इसलिए मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होती है।