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छत्तीसगढ़ के ये 5 प्रत्याशी पांच साल तक नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, निर्वाचन आयोग ने लिया ये बड़ा फैसला, जानें

Raipur News: छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनावों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाया है।

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छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग (फोटो सोर्स- वेबसाइट)

छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग (फोटो सोर्स- वेबसाइट)

CG News: छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरीय निकाय चुनावों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाया है। चुनाव में हिस्सा लेने वाले सभी प्रत्याशियों को निर्वाचन खर्च का विस्तृत ब्यौरा आयोग को प्रस्तुत करना अनिवार्य होता है। इसके बावजूद कई प्रत्याशियों ने समय सीमा बीतने के बाद भी अपना खर्च विवरण आयोग को नहीं सौंपा।

ये पांच प्रत्याशी पांच साल तक चुनाव लड़ने से प्रतिबंधित

जानकारी के अनुसार, इस नियम का उल्लंघन करने पर आयोग ने पांच प्रत्याशियों पर आगामी पांच वर्षों तक किसी भी प्रकार का चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया है।

जिन प्रत्याशियों पर यह कार्रवाई हुई है, उनमें नगर निगम बिलासपुर के महापौर पद के प्रत्याशी कमलेश पटेल, नगर पालिका परिषद बलरामपुर के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी कृपा शंकर, नगर पंचायत मरवाही की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी मंजुलता रोहित परस्ते, नगर पंचायत अंबागढ़ चौकी के प्रत्याशी दिनेश ताम्रकार तथा नगर पंचायत समोदा के अध्यक्ष पद के प्रत्याशी देवनारायण साहू शामिल हैं।

पहले नोटिस जारी किया गया था

निर्वाचन आयोग की ओर से बताया गया कि चुनावी खर्च का ब्यौरा जमा न करने वाले प्रत्याशियों को नियमानुसार पहले नोटिस जारी किया गया था। नोटिस दिए जाने के बावजूद प्रत्याशियों ने खर्च का विवरण प्रस्तुत नहीं किया। इसके बाद आयोग ने निर्वाचन नियमों के तहत यह सख्त कार्रवाई की।

चुनाव आयोग के अधिकारियों का कहना है कि खर्च की जानकारी देना चुनावी प्रक्रिया का अनिवार्य हिस्सा है। इसका उद्देश्य चुनावी पारदर्शिता बनाए रखना और यह सुनिश्चित करना है कि उम्मीदवार काले धन का उपयोग न करें। यदि कोई प्रत्याशी इस प्रक्रिया की अनदेखी करता है, तो उसे भविष्य में चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं दिया जाता। इस कार्रवाई के बाद राज्यभर के अन्य प्रत्याशियों को भी स्पष्ट संदेश गया है कि आयोग नियमों के पालन को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा।