Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एमपी में फिर उठी इस तहसील को जिला बनाने की मांग, दिसंबर में आएगी रिपोर्ट

mp news: दो दशक पुरानी उम्मीद फिर जागी, दिसंबर के महीने में पुनर्गठन आयोग की आएगी रिपोर्ट...।

2 min read
Google source verification
mp map

demand to make Bareli tehsil of Raisen a new district of madhya pradesh

mp news: मध्यप्रदेश में एक और नया जिला बनाने की वर्षों पुरानी मांग फिर से उठी है। दरअसल रायसेन जिले की बरेली तहसील को जिला बनाने की दो दशक पुरानी उम्मीद क्षेत्रीय विधायक को राज्य मंत्री मंडल में स्थान मिलने से बढ़ गई है। यह उम्मीद छह माह पहले प्रशानिक इकाई पुनर्गठन आयोग के गठन के साथ बढ़ गई है। जानकारी के अनुसार पुनर्गठन आयोग माह दिसंबर में अपनी रिपोर्ट प्रदेश सरकार को सौंपेगा। जिसमें बरेली को जिला बनाने का प्रस्ताव शामिल हो सकता है।

बरेली को जिला बनाने की मांग

जिला मुख्यालय रायसेन से बरेली और उदयपुरा क्षेत्र की दूरी को देखते हुए लोग बरेली को जिला बनाने की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। देवरी क्षेत्र की सीमा जिला मुख्यालय से 180 किमी दूर है। भोपाल रियासत के वर्ष 1949 में भारत संघ में विलय के बाद 1950 में भोपाल राज्य में नबाब की शर्त के कारण राजधानी भोपाल से मात्र 45 किलोमीटर दूर रायसेन को जिला बनाया गया था। 1956 में गठित अविभाजित मध्यप्रदेश में भी रायसेन को जिला बनाए रखा गया। नबाबी दौर में प्रशासन का प्रमुख केंद्र रहे, रायसेन का ना तो नाम बदला गया ना ही विभाजित कर अन्य जिला बनाया गया। प्रदेश सरकार और मंत्री नबाबी दौर की यादों को भुलाने और नष्ट करने की बात कर रहे हैं, ऐसे में क्षेत्र के लोग नबाबी दौर में अपनी जान न्यौछावर कर भोपाल रियासत को प्रदेश में विलय कराने में महत्वपूर्ण योगदान देने वालों की याद में बरेली को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। जो उन शहीदों के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

200 किमी. के दायरे में फैला है रायसेन जिला

लोगों का कहना है कि बरेली में एडीजे कोर्ट बनाकर जिले को दो भागों में बांटा गया है। रायसेन जिला दो सौ किलोमीटर के दायरे में फैले होने के कारण लोगों को सस्ता और सुलभ न्याय नहीं मिल रहा था। इसलिए उच्च न्यायालय ने बरेली में एडीजे कोर्ट स्थापित कर जिले में न्याय व्यवस्था को रायसेन और बरेली दो भागों में बांटा। जब न्याययिक संस्थाएं सुलभ और सस्ते न्याय के लिए दो भागों में बांट सकते हैं तो सुलभ और चुस्त प्रशासन के लिए बरेली को जिला भी बनाया जा सकता है। जो भौगोलिक राजनीतिक, प्रशासनिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक दृष्टि से भी उपयुक्त है।