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5 महीने से तैयार एमपी की इस रेल लाइन में नहीं चली एक भी ट्रेन, अब 2026 तक करना होगा इंतजार

MP News: राजगढ़ में भोपाल-रामगंजमंडी रेल प्रोजेक्ट का ट्रैक मार्च में तैयार हुआ, निरीक्षण भी पूरा, लेकिन ट्रेनें अब तक नहीं चलीं। रेलवे ने नई समयसीमा दिसंबर 2026 तय कर दी है।

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रेल परियोजना में आएगी तेजी (Photo source- Patrika)

रेल परियोजना में आएगी तेजी (Photo source- Patrika)

MP News:राजगढ़ में 276 किलोमीटर के भोपाल-रामगंजमंडी रेल लाइन (Bhopal Ramganjmandi rail project) के ट्रैक पर राजस्थान सीमा में 73 किमी में ट्रेनें दौड़ रही हैं। लेकिन करीब पांच माह पहले तैयार हो चुके मप्र सीमा वाले खिलचीपुर स्टेशन तक ट्रेनें चालू नहीं हो पाई हैं। रामगंजमंडी से घाटोली तक 73 किमी का ट्रैक तैयार है और ट्रेनें चल रही हैं, 22 किमी का ट्रैक घाटोली, नयागांव होते हुए खिलचीपुर तक तैयार है।

इसी साल मार्च में यहां सीआरएस का निरीक्षण हुआ था और एक माह के भीतर खिलचीपुर तक ट्रेन चलाने का दावा किया गया था, लेकिन पांच माह बाद भी ट्रेन चालू नहीं हो पाई है। इस बहुप्रतिक्षित प्रोजेक्ट के चालू हो जाने से कोटा और भोपाल की दूरी 50 किमी तक कम हो जाएगी।

दिसंबर 2026 तक बढ़ाई गई समयसीमा

वर्तमान में रेलवे इस प्रोजेक्ट को पूरा करने 2026 तक की समयसीमा बता रहा है लेकिन अभी राजगढ़ जिले की सीमा में ही काफी काम शेष है। हालांकि बीते पांच साल से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने की समयसीमा बदलती रही है। 2020 में दावा किया गया कि यह 2022 में पूरा होगा, फिर 2023, फिर 2024 और लगातार हर साल की समयसीमा बढ़ाकर पांचवी बार अब दिसंबर-2026 की गई है।

पुल-पुलियों का निर्माण अबतक अधूरा

राजस्थान की सीमा में तैयार हुए 73 किमी के ट्रैक का काम रफ्तार से चला है। शुरु से प्रोजेक्ट राजस्थान सीमा में आगे रहा है। मप्र सीमा में धीमा रहा है। खिलचीपुर-राजगढ़ के बीच ट्रैक बिछाया जा रहा है, कुछ जगह ब्रिज, पुल और पुलियाएं अधूरे हैं। राजगढ़ में नेवज नदी का पुल बन रहा है, अन्य दो जगह हाईवे क्रॉस करने ओवरब्रिज बनाए जाना हैं। ब्यावरा में काम चल रहा है, कुछ पुल अधूरे हैं। वहीं, नरसिंहगढ़ में वन क्षेत्र के पास ही कुछ ग्रामीण हिस्सों में जमीनों के मामले विचाराधीन हैं, इसलिए काम में तेजी नहीं आई है।

इसके अलावा कुरावर के आसपास पटरियां बिछाने का काम चल रहा है। अधिकतर ब्रिज, पुल और छोटी पुलियाएं पुलिया अधूरी है। खिलचीपुर, निशातपुरा और झरखेड़ा तक हो चुका है सीआरएस निरीक्षण-मप्र की सीमा में तीन अलग-अलग जगह इसी प्रोजेक्ट में ट्रैक तैयार हुए हैं। 22 किमी ट्रैक खिलचीपुर-नयागांव घाटोली का तैयार हुआ है, जिसका निरीक्षण रेल संरक्षा आयुक्त मार्च-2025 में कर चुके हैं। वहीं, संत हिरदाराम नगर से निशातपुरा और झरखेड़ा तक के ट्रैक का भी निरीक्षण हो चुका है। इसमें रेल संरक्षा आयुक्त मुंबई मनोज अरोरा 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार की ओके रिपोर्ट दे चुके हैं, खिलचीपुर वाले हिस्से में राजस्थान की ओर से आने वाली ट्रेनें अभी तक शुरू नहीं हुई हैं।

अभी कर रहे रिव्यू- डीआरएम, भोपाल डिवीजन

भोपाल रेल मंडल डीआरएम पंकज त्यागी ने कहा ने कि अभी मैं रिव्यू कर रहा हूं, इस प्रोजेक्ट में मप्र की सीमा में काम चल रहा है। जहां जो प्रकरण जमीनों के अटके हैं, उन पर हमारी कंस्ट्रक्शन टीमें काम कर रही हैं। जहां तक राजस्थान वाले हिस्से की बात है तो उसमें ट्रैक पर ट्रेनें चलाने का अधिकार उन्हें ही है। अनुमति जरुर रेलवे देगी।

राजगढ़ तक चला ही देंगे- सांसद

सांसद रोडमल नागर ने बताया कि यह बड़ा प्रोजेक्ट है, स्टॉफ की पदस्थापना भी होना है, कुछ स्ट्रक्चर तैयार होना है। 2026 तक चलाने की बात है, लेकिन राजगढ़ तक तो हम चला ही देंगे। जहां तक खिलचीपुर तक ट्रेन आने की बात है तो सालभर का ही अंतर आ रहा है, ट्रेन जल्द चालू हो जाएगी।