
मनरेगा में मशीन से काम। (सोर्स- पत्रिका)
mp news: मध्यप्रदेशके राजगढ़ में शासन स्तर पर गांवों को जोड़ने बनाई जाने वाली सुदूर सड़क योजना में सरेआम नियमों की अनदेखी की जा रही है। मजदूरों की जगह मशीनें काम कर रही हैं और भुगतान मजदूरों के नाम पर किया जा रहा है। जिसकी पंचायत विभाग को भनक तक नहीं है। मनरेगा के तहत हो रहे इन कामों में मशीनें मजदूर बनकर काम कर रही है।
राजगढ़ जिले की अलग अलग ग्राम पंचायतों में हो रहे मनरेगा के काम में ऐसी ही स्थितियां हैं। जहां नियमों की अनदेखी की जा रही है। ताजा मामला जीरापुर जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत झाड़मऊ का है। जहां सुदूर सड़क योजना के तहत मनरेगा का तहत कार्य करवाया जा रहा है। नियमानुसार 60 प्रतिशत काम मजदूर के माध्यम से किया जाना चाहिए और 40 प्रतिशत काम मशीनरी से किया जाना चाहिए लेकिन यहां ऐसा नहीं किया जा रहा। सरेआम मशीन से काम हो रहा है और गांव के सरपंच, सचिव, जीआरएस किसी ने इस गड़बड़ी पर ध्यान नहीं दिया न ही अंकुश लगाया। मामले में जनपद जीरापुर के सीईओ रंजीत सिंह का कहना है कि किसी प्रकार की मशीनरी का उपयोग मनरेगा में नहीं किया जा सकता। मैं संबंधित से जानकारी लेता हूं और नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
जिले की अन्य ग्राम पंचायतों में भी यही हाल है। जहां मजूदरी के नाम पर सचिव, जीआरएस मस्टर चला देते हैं और अवैध तौर पर मस्टर लगाकर राशि निकाल लेते हैं। जिसमें किसी प्रकार का ध्यान जिम्मेदार अधिकारी नहीं देते। इसी कारण अधिकतर ग्राम पंचायतों में काम मशीनों से ही किए जाते हैं। सारे नियमों को दरकिनार कर काम किया जा रहा है। यह पहला मामला नहीं है। बाकि अन्य पंचायतों में भी पंचायत विभाग के जिम्मेदारों से मिलीभगत कर यह गड़बड़ियां की जा रही हैं। नियमानुसार यह जिम्मेदारी सचिव, जीआरएस की होती है लेकिन कहीं से कोई जानकारी वरिष्ठ अफसरों को नहीं दी जाती, इसीलिए गड़बडि़यां हो रही हैं।
Published on:
27 May 2025 10:24 pm
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