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Ganesh Chaturthi 2023 : आखिर कब और कैसे हुई गणेशोत्सव की शुरुआत, यहां जानें 100 साल पुरानी परंपरा का इतिहास

Ganesh Chaturthi 2023 In CG: संस्कारधानी में गणेशोत्सव बनाने की परंपरा 100 साल पुरानी है। पहले राजा के महल में गणेशोत्सव होता था।

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Ganesh Chaturthi 2023

संस्कारधानी में गणेशोत्सव बनाने की परंपरा 100 साल पुरानी

राजनांदगांव। Ganesh Chaturthi 2023: संस्कारधानी में गणेशोत्सव बनाने की परंपरा 100 साल पुरानी है। पहले राजा के महल में गणेशोत्सव होता था। 1934 में पहली बार बाल समाज की ओर से सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरुआत की गई। इस उत्सव के बहाने गणेश पंडाल में एकजुट होकर आजादी की लड़ाई की रणनीति बनाते थे। समय के साथ नई गणेशोत्सव समितियों का गठन होता गया और इनकी संख्या बढ़ गई। अब शहर के हर गली-मोहल्ले में भगवान गणेश की प्रतिमाएं रखकर बड़े ही धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है।

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इस बार भी 19 सितंबर से उत्सव की शुरुआत होगी। पूरे 11 दिनों तक शहर में रौनक रहेगी। आजादी की लड़ाई के दौर में बाल गंगाधर तिलक ने देशभर के लोगों से आह्वान किया था कि गणपति उत्सव को सार्वजनिक रूप से मनाया जाए। आशीष चितलांग्या ने बताया कि इस आह्वान पर बाल समाज गणेशोत्सव समिति का गठन किया और ऊर्जावान युवाओं को इसमें शामिल कर 1934 में गणेश की प्रतिमा स्थापित की। सार्वजनिक रूप से उत्सव शुरू किया।

1920 में बीएनसी मिल के मजदूर आंदोलन से राजनांदगांव में भी आजादी की लड़ाई का शंखनाद हो चुका था। इस आंदोलन से शहर के लोग जुड़ चुके थे। इसलिए बाल गंगाधर तिलक के आह्वान पर सार्वजनिक गणेशोत्सव की शुरुआत करते हुए पंडाल में आजादी की लड़ाई पर रणनीति बनाया करते थे। संस्था ने देश में हैजा, डेंगू, फ्लैग फैलने पर मरीजों की मदद की थी।

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बाल समाज ने ही निकाली पहली झांकी

Ganesh Chaturthi 2023: इस संस्था को अब 89 वर्ष हो चुके हैं और परंपरा आज भी कायम है। संस्था से जुड़े नंदू भूतड़ा ने बताया कि गणेशोत्सव के साथ ही विसर्जन झांकी का सिलसिला भी बाल समाज ने ही शुरू किया। इसके बाद अन्य समितियों की ओर से परंपरा को अपनाया गया। अब तो शहर में 30 से अधिक विसर्जन झांकियां निकलती है।

माहभर पहले शुरू होती थी तैयारी

Ganesh Chaturthi 2023 In CG: गणेशोत्सव से जुड़ी शिक्षक गणेश प्रसाद शर्मा ने बताया कि पहले शहर में समिति के सदस्य ही झांकी तैयार करते थे। सावन माह लगते ही झांकी तैयार करना शुरू कर देते थे। समिति के सदस्य स्वयं झांकी बनाने में जुटे रहते थे। अब ऑर्डर कर झांकियां बनाने का सिलसिला चल पड़ा है।

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आज बप्पा का होगा स्वागत

शहर में 19 सितंबर से गणेशोत्सव की शुरुआत होगी। पंडालों में गणेश प्रतिमा रखी जाएगी। सुबह-शाम पूजा-पाठ का दौर चलेगा। पूरे 11 दिनों तक शहर में उत्सव मनाया जाएगा। धार्मिक आयोजनों का सिलसिला चल पड़ेगा।

तेज आवाज में नहीं बजाएंगे साउंड सिस्टम, सड़क पर पंडाल भी नहीं

Ganesh Chaturthi 2023: शहर में 19 सितंबर से गणेश पर्व की शुरुआत हो रही है। पर्व में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस ने समितियों की बैठक ली। समितियों को अधिक साउंड में ध्वनि विस्तारक यंत्र नहीं बजाने व सड़क पर पंडाल नहीं लगाने के निर्देश दिए हैं।

एसडीएम अरूण वर्मा और सीएसपी अमित पटेल ने पुलिस कंट्रोल रूम में समितियों की बैठक ली गई। कहा कि गणेश उत्सव और मूर्ति विसर्जन के लिए जारी निर्देशों का पालन किया जाएगा। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करते हुए ध्वनि विस्तारक यंत्र का प्रयोग धीमी आवाज में करेंगे। थाना प्रभारी अपने-अपने थाना क्षेत्र के गणेश उत्सव समिति के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय बनाएं।

इस बार यहां आकर्षक स्थल सजावट

- आम्बेडकर चौक में श्रीसेवा समिति की ओर से भूतिया महल तैयार किया गया है
- बाल रत्न मंच सेवा समिति की ओर से पंडाल में नंदनवन की स्थल झांकी बनाई जा रही है।

रूद्र अवतार की स्थल झांकी भी खास

- उमंग गणेशोत्सव समिति हमाल पारा द्वारा पंडाल में महाकाल रूद्र अवतार की स्थल झांकी बनाई जा रही।
- महावीर मंडल द्वारा पंडाल में 14 फीट की गणेश प्रतिमा रखी जाएगी। लाइटिंग आकर्षक होगी।

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