
Naxalites Surrender: नक्सल संगठन के खोखले दावों और नागरिकों के खिलाफ उनकी विवेकहीन हिंसा से निराश होकर प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के सदस्य बड़ी संया में लाल आतंक का गलियारा छोड़ कर मुय धारा में लौट रहे हैं। इसी कड़ी में गढ़चिरौली पुलिस व सीआरपीएफ के सामने शनिवार को 8 लाख इनाम के हार्डकोर नक्सल दंपती ने सरेंडर किया है। दोनों नक्सली कई घटना में शामिल थे। महाराष्ट्र सरकार ने दोनों पर 8 लाख का ईनाम घोषित किया था।
गढ़चिरौली पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र सरकार द्वारा 2005 से लागू की गई आत्मसमर्पण सह पुनर्वास नीति की ओर आकर्षित होकर कई नक्सली हथियार छोड़ कर मुख्य धारा में लौटने आत्म समर्पण कर रहे हैं। इसी कड़ी में शनिवार को दो कट्टर नक्सली असिन राजाराम कुमार उर्फ अनिल उर्फ गगनदीप एरिया कमेटी सदस्य (एसीएम) प्रेस टीम (ओडिशा) निवासी मांडीकला, तहसील नरवाना, जिला जिंद (हरियाणा) वर्तमान निवासी सुन्नी जिला शिमला (हिमाचल प्रदेश) और उनकी पत्नी अंजू सुल्या जले उर्फ सोनिया पार्टी सदस्य प्रेस टीम (ओडिशा) निवासी गुरेकसा, तहसील धनोरा जिला गढ़चिरौली वर्तमान निवासी सुन्नी जिला शिमला (हिमाचल प्रदेश) ने गढ़चिरौली पुलिस और सीआरपीएफ के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
सरेंडर करने वाले हार्डकोर नक्सली असिन राजाराम कुमार उर्फ अनिल उर्फ गगनदीप 2006 में माड एरिया प्रेस टीम में भर्ती हुए और 2011 तक पार्टी सदस्य के रूप में काम किया। जीविकोपार्जन के लिए 2018 से हिमाचल प्रदेश राज्य में गुप्त रूप से रह रहा था। उस पर मुठभेड़ के 2 मामले दर्ज हैं। वहीं उसकी पत्नी अंजू सुल्या जले उर्फ सोनिया 2007 मेें टिपगढ़ एलओएस में कमांडर दिनकर के सहयोगी के रूप में काम करना शुरू किया। 2013 से 2018 तक उनका तबादला ओडिशा कर दिया गया। जहां उन्होंने प्रेस टीम में हिंदी और गोंडी भाषाओं के टाइपिस्ट के रूप में काम किया। दोनों पर 8 लाख के ईनाम घोषित थे।
Published on:
20 Oct 2024 09:49 am
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