अचानक झूले के एक ओर के केबल के टूटने से झूला एक ओर झुक गया। हालांकि दोनों ओर जाली लगाई गई थी लेकिन जिस ओर का केबल टूटा, उस तरफ लोगों के गिरने के कारण यह जाली भी टूट गई और लोग एक के बाद पानी में गिरने लगे।प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार करीब ३० से ४० लोग पानी में गिरे, बाकी लोगों में कई सुरक्षित दूसरी ओर पहुंच गए तो कई ने दूसरी तरफ की जाली को पकड़कर खुद को गिरने से बचा लिया।
पानी में गिरे लोगों को बचाने के लिए वहां मौजूद कई लोग सीधे पानी में कूदे और बच्चों को निकालने की कवायद की गई। मौके पर मौजूद कुछ पुलिस जवान भी यहां बचाव के लिए पहुंच गए थे। नगर निगम की बोटिंग की टीम की सहायता से भी लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
साढ़े ३ फीट है पानी
झूला जिस जगह पर लगा है, उसके नीचे करीब साढ़े तीन से चार फीट पानी रहता है। ऐसे में यहां डूबने जैसी घटनाएं नहीं हो सकती लेकिन अचानक गिरने से बच्चों में घबराहट जैसी स्थिति रही। यहां का पानी काफी गंदा है, और अचानक गिरने के कारण कई बच्चों के मुुंह में यह पानी चला गया था, इसलिए भी उनको परेशानी हुई।
हादसे के बाद चार लोगों को मेडिकल कॉलेज अस्पताल लाया गया था, जिसमें से स्टेशन पारा निवासी युवराज पिता विदेशीराम सिन्हा उम्र २० वर्ष के सिर में गहरी चोट आई है। उसे सर्जिकल वार्ड में भर्ती किया गया है। इसके अलावा स्टेशन पारा के ही रहने वाले रवि पिता विक्रम राणा उम्र २० वर्ष के कंधे और घुटने में चोट लगी है।
० झूले को चौपाटी के दो हिस्सों में आने जाने के लिए बनाया गया था लेकिन ऐसे आयोजनों के समय वहां
भारी भीड़ हो जाती है। लोग वहां रूके नहीं, चलते रहें, ऐेसी व्यवस्था देने के लिए कोई अमला मौजूद नहीं रहता।
० नीचे बिना बेस के सिर्फ दोनों ओर केबल पर यह हिलता हुआ पुल (झूला) टिका हुआ है। लोग यहां पर कूदते हुए चलते हैं, रूककर नाचते भी हैं।
० नगर निगम ने मस्ती की पाठशाला के आयोजन को सिर्फ चौपाटी के पास ही केन्द्रित कर दिया है। भारी भीड़ होने पर लोग संभलते नहीं।
ऐसा किया जा सकता है
० आमने सामने हर सप्ताह दो अस्थाई मंच बनाने के बजाए पास ही बने ओपन थियेटर में एक कार्यक्रम किया जा सकता है।
० गौरव पथ का ऑडिटोरियम से लेकर हॉकी खिलाडिय़ों की लगी मूर्तियों तक की सड़क पर मंच बनाया जा सकता है।
० ऊर्जा पार्क के भीतर भी कार्यक्रम किया जा सकता है।
० ऐसा करने से भीड़ एक ही जगह पर जमा नहीं रहेगी और हादसे का खतरा नहीं रहेगा।
मस्ती की पाठशाला में महापौर मधुसूदन यादव, निगम अध्यक्ष शिव वर्मा और नगर निगम आयुक्त अश्विनी देवांगन, प्रमुख अभियंता दीपक जोशी और नगर निगम की पूरी टीम मौजूद थी। हादसे के तत्काल बाद वे मौके पर पहुुंच गए और उन्होंने राहत पहुंचाने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया। महापौर और आयुक्त ने बाद में अस्पताल जाकर घायलों से मुलाकात की और उनके इलाज के लिए चिकित्सकों से बात की।
सुबह करीब साढ़े 7 बजे हुई इस घटना की खबर चंद ही मिनटों में पूरे शहर में फैल गई। सोशल मीडिया में तस्वीरें और वीडियो भी आना शुरू हो गया। लोगों ने एक दूसरे से घटना की वास्तविकता पता करना भी शुरू कर दिया लेकिन उस वक्त मौके पर आना तो दूर दोपहर के एक बजे तक कांग्रेस के नेता और कांग्रेस पार्षद घटनास्थल तक पहुंच नहीं पाए थे। एक बजे के आसपास कांग्रेस के एक वरिष्ठ पार्षद की पहल करने के बाद करीब दो बजे कांग्रेसी घटनास्थल का मुआयना करने पहुुुंचे।
रविवार को सुबह सांसद अभिषेक सिंह राजनांदगांव में ही सीएम कैम्प कार्यालय में थे। दोपहर करीब पौने १२ बजे सोशल मीडिया में खबर आई कि सांसद घायल युवकों को देखने अस्पताल पहुंचने वाले हैं लेकिन वे नहीं पहुंचे और खैरागढ़ निकल गए। बाद में वे रायपुर चले गए। नगर निगम की राजनीति करने वालों के अलावा भाजपा के किसी बड़े नेता ने भी घटनास्थल और अस्पताल जाने की जरूरत नहीं समझी।
आयोजन के दौरान झूला टूटने के हादसे को लेकर कांग्रेस पार्षद दल और शहर कांग्रेस ने नगर निगम आयुक्त और महापौर के खिलाफ एफआईआर की मांग को लेकर बसंतपुर थाने में टीआई विनोद मंडावी से मुलाकात की। कांग्रेस पार्षद दल के नेता और नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष हफीज खान ने कहा कि सामान्य सभा की अनुमति के बिना महापौर और आयुक्त ने बिना सुरक्षा व्यवस्था के मनमानी करते हुए मस्ती की पाठशाला का आयोजन किया, यह गलत है। उन्होंने कहा कि आज बड़ा हादसा होने से टल गया लेकिन इनकी लापरवाही उजागर हुई है। पुलिस ने कांग्रेस पार्षद दल को जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
अधिक लोगों की मौजूदगी के कारण झूला एक ओर से टूट गया। कुछ लोगों को चोटें आई हैं। शुक्र है कि बड़ा हादसा नहीं हुआ। झूले को फिर से बनवाने का काम किया जाएगा। भविष्य में इस तरह की घटना न हो, इसके लिए एहतियात बरती जाएगी।
मधुसूदन यादव, महापौर
अश्विनी देवांगन, आयुक्त नगर निगम