
जयाप्रदा को मिला अमर सिंह का साथ आजम खान की लोकसभा सदस्यता रद्द कराने के लिए जाएंगी हाईकोर्ट
रामपुर . पूर्व सांसद जयाप्रदा ने रामपुर लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद आजम खान के निर्वाचन को अवैध घोषित करने को लेकर मोर्चा खोल दिया है। इस मामले में अब जयप्रदा को राज्यसभा सदस्य अमर सिंह का साथ भी मिल गया है। इसको लेकर अमर सिंह ने जयप्रदा के साथ बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। मुलाकात के बाद अमर सिंह ने कहा है कि जयाप्रदा की ओर से हाईकोर्ट में आजम खान की लोकसभा सदस्यता को रद्द करने के लिए वाद दाखिल किया जाएगा।
राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने कहा है कि उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से निजी मुलाकात है। इसको अन्यथा न लिया जाए। उन्होंने बताया कि जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री नहीं थे तब भी उनसे हमारे अच्छे संबंध थे। मैं कामना करता हूं कि योगी आदित्यनाथ अनंतकाल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहें। वहीं उन्होंने आजम खान पर जुबानी हमला बोलते हुए कहा कि आजम खान जौहर विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में लाभ के पद पर हैं। इस पद पर रहते हुए वह पहले विधायक और अब सांसद बन गए हैं, जो नियमों के विपरीत है। इसको लेकर उन्हें काेर्ट का एक नोटिस भी जारी हो चुका है।
उन्होंने कहा कि आजम खां की सदस्यता को रद्द करते हुए और चुनावी खर्च से बचते हुए दोबारा चुनाव न कराकर 2019 के लोकसभा चुनाव में दूसरे नंबर पर रही जयाप्रदा को सांसद बनाने की मांग की जाएगी। साथ ही सपा सरकार में जौहर विश्वविद्यालय के नाम पर जमा की गई अकूत संपत्ति की भी जांच करने की मांग की जाएगी।
जया प्रदा बोलीं- आजम खान ने किया संविधान का उल्लंघन
बता दें कि हाल ही में पूर्व सांसद जयाप्रदा ने निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर रामपुर लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद आजम खान का निर्वाचन अवैध घोषित कर शून्य करार दिए जाने की मांग की थी। जया प्रदा ने कहा था कि आजम खान ने 2 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन दाखिल किया था। उस समय आजम खान जौहर यूनिवर्सिटी के कुलापति थे यानी लाभ के पद पर थे। यह अनुच्छेद 102(1) ए व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सेक्शन (section) 9(ए) के अलावा संविधान के अनुच्छेद 191(1)ए का उल्लंघन है।
सोनिया गांधी और जया बच्चन का उदाहरण
जयाप्रदा ने कहा था कि आजम खान ने रामपुर की जनता और चुनाव आयोग को धोखा में रखा है। उस दौरान उन्होंने 2006 में सोनिया गांधी व जया बच्चन की सदस्यता खत्म होने का भी हवाला दिया था। उन्होंने बताया था कि 2006 में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी को लोकसभा से इस्तीफा ने देकर रायबरेली से फिर से चुनाव लड़ना पड़ा था, क्योंकि सांसद होने के साथ वह राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के पद पर भी तैनात थीं। वहीं 2006 में ही जया बच्चन भी राज्यसभा सांसद होने के साथ उत्तर प्रदेश फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष थी। इसलिए उनकी सदस्यता भी खत्म हो गई थी।
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Published on:
13 Jun 2019 02:35 pm
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