
जया प्रदा के लिए वकील बने अमर सिंह, आजम खां के खिलाफ लखनऊ खंडपीठ में लगाई याचिका हुई खारिज
रामपुर. पूर्व सांसद जयाप्रदा की ओर से रामपुर लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद आजम खान का निर्वाचन अवैध घोषित करने की याचिका को शुक्रवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की पीठ ने कहा है कि यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं, बल्कि उच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में आता है। इसलिए पीठ में यह याचिका स्वीकार नहीं की जा सकती है। इस याचिका को प्रयागराज में दाखिल करें। बता दें कि याचिका जया प्रदा ने दाखिल की थी, जबकि इस पर बहस उनके वकील अमर सिंह ने की।
भाजपा नेता व फिल्म अभिनेत्री जया प्रदा की ओर से दायर की गई याचिका पर जया प्रदा के वकील के रूप में राज्यसभा सांसद ठाकुर अमर सिंह ने बहस करते हुए लखनऊ स्थित उच्च न्यायालय की पीठ के समक्ष अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आजम खान जौहर विश्वविद्यालय रामपुर में कुलपति के पद पर हैं। उनका यह पद लाभ की श्रेणी में आता है, क्योंकि जौहर विश्वविद्यालय को सरकार की ओर से करोड़ों रुपये का अनुदान दिया गया है। सरकार की ओर से अनुदान दिए जाने के कारण यह राज्य सरकार के अधीन है। इसलिए उनकी लोकसभा सदस्या को समाप्त किया जाए। इस पर न्यायमूर्ति राजन राय और न्यायमूर्ति एनके जौहरी की पीठ ने कहा है कि यह हमारे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है। इसके लिए आप स्वतंत्र है और प्रयागराज उच्च न्यायालय में याचिका लगा सकते हैं।
अमर सिंह बोले- प्रयागराज स्थित उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेंगे
न्यायालय से बाहर आते ही राज्यसभा सांसद व जया प्रदा के वकील बने ठाकुर अमर सिंह ने कहा कि हमने माननीय न्यायाधीश महोदय के समक्ष अपनी बात रखी। उन्होंने हमारी बात को बहुत गंभीरता से लिया, लेकिन यह मामला लखनऊ स्थित खंडपीठ के अधिकार क्षेत्र में नहीं होने के कारण अब इसे उच्च न्यायालय में सुना जाएगा। इसलिए अब हम प्रयागराज स्थित उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर करेंगे और राष्ट्रपति महोदय के यहां भी अपील दायर करेंगे।
यह भी पढ़ें- सांसद बनते ही सपा नेता आजम खान को अदालत का बड़ा झटका
ये है पूरा मामला
बता दें कि हाल ही में पूर्व सांसद जयाप्रदा ने निर्वाचन आयोग को पत्र भेजकर रामपुर लोकसभा सीट से नवनिर्वाचित सांसद आजम खान का निर्वाचन अवैध घोषित कर शून्य करार दिए जाने की मांग की थी। जया प्रदा का कहना है कि आजम खान ने 2 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए नॉमिनेशन दाखिल किया था। उस समय आजम खान जौहर यूनिवर्सिटी के कुलापति थे यानी लाभ के पद पर थे। यह अनुच्छेद 102(1) ए व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सेक्शन 9(ए) के अलावा संविधान के अनुच्छेद 191(1)ए का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि आजम खान ने रामपुर की जनता और चुनाव आयोग को धोखा में रखा है।
UP News से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Uttar PradeshFacebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..
Published on:
15 Jun 2019 09:57 am
बड़ी खबरें
View Allरामपुर
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
