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‌BIG BRERAKING: मंदी के बीच 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके रेल कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाएगा रेलवे

रेल मंत्रालय ने सभी मंडलों के अफसरों से मांगी रपोर्ट सरकार के फैसले में रेल अफसर व कर्मियों में हड़कंप कार्वाई होने पर कर्मचारियों ने विरोध करने का किया एलान

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रामपुर. अभी तक आपने मल्टीनेशनल कंपनियों के बारे में सुना होगा कि यहां 35 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को नौकरी पर नहीं रखा जाता है। लेकिन मोदी सरकार में भारतीय रेल भी अब 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को बाहर का रास्ता दिखाने की तैयारी कर रही है। देश भर में इन दिनों बेरोजगारी और निजी क्षेत्र में कर्मियों की छंटनी को लेकर हो हल्ला मचा हुआ है। इस बीच भारतीय रेलवे के एक नए आदेश ने रेल कर्मचारियों और अधिकारीयों की नींद उड़ा दी है। दरअसल, रेलवे ने अब उम्र 50 साल से ऊपर के अधिकारीयों और कमर्चारियों को बाहर करने का फैसला कर लिया है। इस संबंध में सभी मंडल से 27 अगस्त तक उम्रदराज कर्मचारियों की रिपोर्ट मांगी है।

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पद होंगे ख़त्म
गौरतलब है कि रेलवे अगले एक से डेढ़ साल में बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी करने जा रहा है। इस दौरान ऐसे रेल र्मचारियों-अधिकारियों को बाहर का रास्ता दिखाए जाने की संभावना है, जिनकी उम्र पचास साल हो गयी है और जिनके खिलाफ सीबीआई या फिर बिजलेंस जांच चल रही है। एसे आरोपियों को सेवा से बाहर कर दिया जाएगा। इसके साथ ही साथ ही कुछ बिना महत्व वाले पदों को भी ख़त्म किया जाएगा।

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27 तक मांगी रिपोर्ट
रेल अफसरों के मुताबिक रेलवे बोर्ड के सचिव एसके मिश्रा ने 20 अगस्त को पत्र जारी कर कहा कि 50 साल उम्र के जे ग्रेड से ऊपर के सभी अधिकारियों के कार्य की समीक्षा होगी। इस आदेश में कहा गया है कि 31 अगस्त तक 50 साल उम्र के अधिकारियों की सूचना अलग और 31 मार्च 2020 को 50 साल होने वाले अफसरों की सूची तैयार करें। इतना ही नहीं सचिव ने सभी अधिकारियों के कार्य, उपयोगिता, कार्य करने की क्षमता सर्विस बुक भेजने के निर्देश दिए हैं। यह रिपोर्ट 27 अगस्त तक रेलवे बोर्ड को भेजी जानी है।

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छंटनी से पहले होगी समीक्षा
हालांकि, इसके साथ ही यह भी खबर है कि रेलवे कर्मियों के मामले में रेलवे ने थोड़ी नरमी बरतने का फैसला लिया है। बताया जाता है कि पहले 55 साल उम्र वाले रेल कर्मियों की कार्य की समीक्षा करेगा। इसकी रिपोर्ट 30 अक्टूबर तक मांगी गई है। बताया जाता है कि इस रिपोर्ट के आधार पर शरीरिक रूप से कमजोर और बीमार कर्मियों को रिटायर किया जा सकता है।

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रेल कर्मियों ने जताया विरोध
रेल कर्मियों की छंटनी पर उरमू के स्टेशन शाखा के सचिव जितेन्द्र कुमार का कहना है कि मौजूदा सरकार में रेल कर्मचारियों के हकों को दबाया जा रहा है। रेल कर्मी दिन रात विभाग के लिए जुटे रहते हैं, लेकिन इस तरह के आदेश समझ से परे हैं। उन्होंने कहा कि अभी संगठन स्तर से इस पर कोई राय नहीं बनी है, लेकिन अगर किसी कर्मचारी के साथ अन्याय होगा तो हर स्तर पर विरोध किया जाएगी। उन्होंने बताया कि पूरे देश के रेल कर्मचारी वैसे भी निजीकरण के खिलाफ विरोध जता रहे हैं।