
रामपुर. योगी सरकार में शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिजवी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खान को बड़ा फायदा पहुंचाया था। इस मामले में आजम खान समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। इसमें अग्रिम जमानत याचिका के लिए सैयद वसीम रिजवी ने एक प्रार्थना पत्र सेशन कोर्ट में दाखिल किया था, जिसे खारिज कर दिया गया है। अब वसीम रिजवी हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे या फिर जेल जाने का इंतजार करेंगे। इस पर सभी की नजरें बनी हुई हैं।
शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन पर आरोप है कि उन्होंने तत्कालीन कैबिनेट मंत्री आजम खान को फायदा पहुंचाने के लिए फर्जी वक्फ बोर्ड बनाया फिर फर्जी नियुक्ति की। उसके बाद जो वक्फ की संपत्ति थी उसे शत्रु संपत्ति में दाखिल करवा दिया। इस तरह उसे जौहर यूनिवर्सिटी के नाम करा दिया गया।
सरकार वकील सरदार दलविंदर सिंह ने बताया कि पुलिस ने कागजी हेरफेर को लेकर उनके खिलाफ धारा 420 467 468 समेत तमाम अपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है। इस मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्होंने रामपुर की सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की थी, जिसे यहां की वर्तमान न्यायाधीश ने खारिज कर दिया है।
Published on:
05 Sept 2019 02:16 pm
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