
Lunar Eclipse
रतलाम। जिस तरह अमावस, मासिक शिवरात्री का महत्व है, संकट टालने के लिए चतुर्थी का महत्व है, उसी तरह विभिन्न प्रकार के ग्रहण का भी बड़ा महत्व है। इस सदी का सबसे लंबा व पूर्ण चंद्र ग्रहण आने को है। जिस तरह जप व तप विभिन्न तिथियों पर किए जाते है, उसी तरह ग्रहण पर भी इनको करना चाहिए। ग्रहण का असर राशियों पर ग्रहण लगने के ४८ घंटे पूर्व से लेकर बाद तक रहता है। ये बात रतलाम के पूर्व राज परिवार के ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने नक्षत्र लोक में भक्तों को कही। वे ग्रहण व उसका महत्व विषय पर बोल रहे थे।
ज्योतिषी जोशी ने बताया कि इस वर्ष जुलाई माह की 27 तारीख को इस सदी का सबसे लंबा चंद्र ग्रहण आने वाला है। आषाढ़ माह की पूर्णिमा को होने वाला ये ग्रहण खग्रास होगा। इसका समय 103 मिनट का रहेगा। इसका असर भारत के अलावा दक्षिण अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिम एशिया, यूरोप के अलावा आस्ट्रेलिया में रहेगा। ग्रहण काल में सुतक लगता है। इस समय पानी से लेकर भोजन का उपयोग वर्जित है। हालाकि शास्त्रों में इस बात का साफ उल्लेख है कि ये नियम यात्रा पर चल रहे व्यक्ति के साथ-साथ बीमार पर लागू नहीं होता है।
प्राकृतिक आपदा का रहेगा समय
ज्योतिषी जोशी ने बताया कि ग्रहण के समय मकर राशि के केतु के साथ चंद्रमा का प्रभाव व राहु से इसका सातवां अंतर रहेगा। एेसे में ये ज्योतिष में बेहतर या श्रेष्ठ नहीं माना गया है। इस योग से देश के अनेक हिस्सों में प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना होगा। बाढ़ से लेकर जल-जमाव के नजारे बनेंगे। ग्रहण के समय पृथ्वी की छाया के मध्य से चंद्रमा के सीधे गुजरने के कारण ही ये 103 मिनट लंबा रहेगा। 15 जून 2011 के बाद ये पहला अवसर होगा जब केंद्रीय चंद्र ग्रहण होगा। इसके पूर्व जनवरी माह में चंद्र ग्रहण हुआ था। उसके बाद ये इस वर्ष का दूसरा पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा।
राशियों पर होगा ये असर
ज्योतिषी जोशी के अनुसार खग्रास चंद्र ग्रहण उत्तरा आषाढ़ च श्रवण नक्षत्र व मकर राशि में होगा। इसके कारण जिनका जन्म श्रवण नक्षत्र, उत्तरा नक्षत्र व जिनकी राशि या लग्न मकर है, उनके लिए मानसिक तनाव बढ़ाने वाला रहेगा। मिथुन, तुला, मकर, कुंभ राशि वालों के लिए ये बीमार करने वाला, अपयश दिलाने वाला, मानसिक कष्ट देने वाला रहेगा। शेष राशि वालों के लिए ये बेहतर से लेकर सामान्य फल देने वाला रहेगा।
ये करें उपाय
वे राशि व नक्षत्र जिनके लिए ये ग्रहण श्रेष्ठ नहीं है, उनको महादेव व महादेवी की आराधना करना चाहिए। जो लोग ग्रहण के समय में पूजन आदि में व्यस्त रहेंगे, उनको बुरा नहीं होगा।
Published on:
13 Jun 2018 11:05 am
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