यह भी पढे़ं -IRCTC की चेतावनी, ट्रेन में भोजन लेने से पहले करें ये काम, यात्री बदले में बोले ये बड़ी बात रेलवे के IRCTC के नियम अनुसार गरीब रथ को छोड़कर शेष अन्य ट्रेन में एसी डिब्बे में टिकट आरक्षित करने पर बेडरोल की सुविधा दी जाती है। इसमे एक तकिया, दो चादर, एक नेपकीन, एक कंबल शामिल रहता है। बेडरोल को लेकर अंतिम बार रेलवे ने नियम में बदलाव 23 सिंतबर 2009 को किया था। आरएसी टिकट वाले को भी बेडरोल देने के आदेश थे।
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असल में पूर्व में यात्री जब उतरता था, तब उससे बेडरोल लिया जाता था। तब उतरने के बाद सीट पर आए नए यात्री को नया बेडरोल मिलता था। अब रेलवे स्टेशन आने के 15 से 30 मिनट पूर्व यात्री से बेडरोल ले लेती है। इससे बेडरोल देने वाले कर्मचारी पूर्व के बेडरोल को नए कलेवर में पैक करके दे रहे है। एक बड़ी वजह ठेकेदार से अतिरिक्त बेडरोल नहीं मिलना है।
असल में पूर्व में यात्री जब उतरता था, तब उससे बेडरोल लिया जाता था। तब उतरने के बाद सीट पर आए नए यात्री को नया बेडरोल मिलता था। अब रेलवे स्टेशन आने के 15 से 30 मिनट पूर्व यात्री से बेडरोल ले लेती है। इससे बेडरोल देने वाले कर्मचारी पूर्व के बेडरोल को नए कलेवर में पैक करके दे रहे है। एक बड़ी वजह ठेकेदार से अतिरिक्त बेडरोल नहीं मिलना है।
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एक ही बेडरोल के अलग-अलग यात्रियों के उपयोग से विभिन्न प्रकार की बीमारी होने का अंदेशा रहता है। किसी को खांसी, खुजली सहित अन्य प्रकार की बीमारी है तो एक ही बेडरोल अन्य यात्री को देने से दूसरे यात्री तक पहुंच रही है। इससे अब कुछ यात्री तो एसी डिब्बे में यात्रा के दौरान स्वयं का कंबल, चादर लेकर चढऩे लगे है। इसकी एक बड़ी वजह इनकी बेहतर सफाई नहीं होना भी है।
एक ही बेडरोल के अलग-अलग यात्रियों के उपयोग से विभिन्न प्रकार की बीमारी होने का अंदेशा रहता है। किसी को खांसी, खुजली सहित अन्य प्रकार की बीमारी है तो एक ही बेडरोल अन्य यात्री को देने से दूसरे यात्री तक पहुंच रही है। इससे अब कुछ यात्री तो एसी डिब्बे में यात्रा के दौरान स्वयं का कंबल, चादर लेकर चढऩे लगे है। इसकी एक बड़ी वजह इनकी बेहतर सफाई नहीं होना भी है।
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बेडरोल को लेकर नियम वरिष्ठ कार्यालय से बनता है, इसमे मंडल का कोई हस्तक्षेप नहीं रहता है। इसलिए इस नियम में हर प्रकार का बदलाव वरिष्ठ कार्यालय से ही होगा।
– आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक
बेडरोल को लेकर नियम वरिष्ठ कार्यालय से बनता है, इसमे मंडल का कोई हस्तक्षेप नहीं रहता है। इसलिए इस नियम में हर प्रकार का बदलाव वरिष्ठ कार्यालय से ही होगा।
– आरएन सुनकर, मंडल रेल प्रबंधक
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ये बेहद गंभीर मामला है। इससे अनेक प्रकार के इन्फेक्शन से लेकर अन्य प्रकार की बीमारियां एक यात्री से दूसरे में पहुंचती है। या तो नियम में बदलाव हो या यात्री ही इसमे सावधानी रखें।
– डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल
ये बेहद गंभीर मामला है। इससे अनेक प्रकार के इन्फेक्शन से लेकर अन्य प्रकार की बीमारियां एक यात्री से दूसरे में पहुंचती है। या तो नियम में बदलाव हो या यात्री ही इसमे सावधानी रखें।
– डॉ. आनंद चंदेलकर, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल