
27 new corona positive patients found in Burhanpur, 5 highest in post
रतलाम. रतलाम में कोरोना संदिग्ध की दो बार जांच रिपोर्ट नकारात्मक याने की नेगेटिव आई। नियम कहता है कि इस प्रकार के मामले में मरीज को घर जाने की अनुमति मिलना चाहिए, लेकिन रतलाम मेडिकल कॉलेज का प्रशासन एक जांच के लिए और अड़ा रहा व इस बीच मरीज की मौत हो गई। इसके बाद परिवार को अपनी ह मां के अंतिम दर्शन की अनुमति नहीं मिली, जबकि वे सिसकते रहे। इसके बाद नाराज परिवार ने पूरे मामले की जांच की मांग की तो कलेक्टर ने भी घटना को गंभीर मानते हुए जांच के आदेश दिए है।
रतलाम जिले के जावरा एक महिला बीमार होने पर स्थानीय चिकित्सकों के पास गई। महिला को चिकित्सक ने कोरोना का संदिग्ध मानते हुए रतलाम मेडिकल कॉलेज में जांच की सलाह दी। महिला को एक बार १४ दिन के लिए क्वारंटीन कर दिया गया। इस बीच जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई। इसके बाद महिला को उसके घर भेज दिया गया। इसके बाद जब फिर महिला की तबियत खराब हुई तो फिर से मेडिकल कॉलेज लाया गया। इसके बाद फिर से महिला को भर्ती करते हुए जांच क गई। एक बार फिर से महिला की रिपोर्ट नेगेटिव ही आई।
रिपोर्ट नेगेटिव, और हो गई मौत
इन सब के बीच जब रतलाम के मेडिकल कॉलेज में महिला भर्ती रही, रिपोर्ट नेगेटिव आई। नियम कहता है कि रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद महिला को छूट्टी दे देना चाहिए थी, लेकिन यह नहीं हुआ। इस बीच परिवार के सदस्यों ने फोन लगाकर मां से बात करने की इच्छा प्रकट की, लेकिन मेडिकल कॉलेज के प्रशासन ने व्यस्तता की बात कहते हुए बात कराने से भी इंकार कर दिया। इसी बीच मां की मौत हो गई।
अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए
परिवार के सदस्य अपनी मां के अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाए। मौत की सूचना मिलने पर जब परिवार अंतिम क्रिया का सामान लेकर पहुंचा तो उनको रोक दिया गया। महिला का अंतिम संस्कार कोरोना वायरस के मरीज के प्रोटोकॉल के अनुसार किया गया। परिवार के सदस्य इस बात से नाराज है कि उनको मां के अंतिम दर्शन नहीं करने दिए गए। इसी बीच पूरे मामले की कलेक्टर को शिकायत हुई तो कलेक्टर रुचिका चौहान ने जांच के आदेश दिए है।
Published on:
14 Jun 2020 09:56 am
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