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कई शहरों को कनेक्ट करेगी ‘नीमच-रतलाम दोहरीकरण योजना’, 72% काम पूरा

MP News: अब तक की गति के ग्राफ को देखा जाए तो नीमच-रतलाम के 133 किमी. के रेल ट्रैक में से 72 प्रतिशत कार्य यानी 95 किमी. का कार्य पूरा कर लिया गया है।

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फोटो सोर्स: पत्रिका

फोटो सोर्स: पत्रिका

MP News: नीमच-रतलाम रेलवे लाइन के दोहरीकरण का काम अंतिम चरण में है, जिसमें दलौदा से ढोढर के बीच सेक्शन का काम पूरा हो चुका है और उसका सीआरएस निरीक्षण हो चुका है। यह परियोजना पश्चिम रेलवे के रतलाम मंडल के अंतर्गत है और 1100 करोड़ की अनुमानित लागत से पूरी की जाएगी, जिसका लक्ष्य दिसंबर 2025 तक पूरा करने का है, लेकिन रेल अधिकारियों का दावा है कि जिस गति से कार्य चल रहा है, उससे यह माना जा रहा है कि 30 नवंबर को ही इस कार्य को पूरा कर लिया जाएगा।

यात्रियों को मिलेगा लाभ

अब तक की गति के ग्राफ को देखा जाए तो नीमच-रतलाम के 133 किमी. के रेल ट्रैक में से 72 प्रतिशत कार्य यानी 95 किमी. का कार्य पूरा कर लिया गया है। अब रेलवे को दलौदा से मल्हारगढ़ और रतलाम से धौसवास तक का दोहरीकरण कार्य शेष रह गया है। सबसे अच्छी बात यह है कि यह कार्य पूरा होने से यात्रियों के लिए सुखकारी इसलिए साबित होगा, क्योंकि भारतीय रेलवे पहले से ही जयपुर से चंदेरिया तक दोहरीकरण कार्य कर चुकी है। ऐसे में इस कार्य के पूरे होने के बाद यात्रियों को तेज गति की कई ट्रेन की सुविधा का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।

सितंबर 2021 में केंद्र सरकार के इस परियोजना को मंजूरी दी। इसके बाद टेंडर आदि किए गए व कार्य शुरू किया। हमारा प्रयास है कि इसी साल नवंबर में बचा हुआ कार्य पूरा कर लिया जाए। परियोजना से यात्रियों व गुड्स ट्रेन संचालन में लाभ होगा। - खेमराज मीणा, जनसंपर्क अधिकारी, रतलाम रेल मंडल

परियोजना का महत्व

-यह दोहरीकरण परियोजना नीमच और रतलाम के बीच रेलवे कनेक्टिविटी में सुधार करेगी।

-इससे रेल यातायात की गति और क्षमता बढ़ेगी, जिससे यात्रियों और माल ढुलाई के लिए सुविधा होगी।

-परियोजना के साथ-साथ विद्युतीकरण का काम भी चल रहा है, जो इस रेल सेक्शन को भविष्य के लिए और अधिक लाभदायक बनाएगा।

परियोजना का विवरण

परियोजना: नीमच-रतलाम दोहरीकरण परियोजना।
मंडल: पश्चिम रेलवे का रतलाम मंडल।
कार्य की स्थिति: अंतिम चरण में।
अनुमानित लागत: लगभग 1100 करोड़।
कार्यपूर्ण खंड: दलौदा से ढोढर के बीच नवीन दोहरीकृत रेल लाइन का कार्य पूरा हो गया है।
सीआरएस निरीक्षण: 30 जुलाई को रेल संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) द्वारा दलौदा-ढोढर सेक्शन का निरीक्षण किया, जिसमें गति परीक्षण भी शामिल था।
लक्ष्य: परियोजना को इसी साल दिसंबर तक पूरा करने का लक्ष्य है।