
NEET PG exam domicile reservation scrapped candidates protests (फोटो- freepik)
Domicile Reservation: मध्यप्रदेश के नीट पीजी (NEET PG exam) उम्मीदवारों के बीच इन दिनों भारी असंतोष देखा जा रहा है, क्योंकि इस वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया में राज्य सरकार द्वारा मूल निवास आरक्षण को लागू नहीं किया गया है। यह निर्णय अचानक और बिना पूर्व सूचना के लागू किया गया, जिससे मेडिकल स्नातकों का भविष्य अनिश्चितता के घेरे में आ गया है। अब राज्य के स्थानीय निवासी मांग कर रहे है कि इस वर्ष भी डोमिसाइल आरक्षण को लागू किया जाए, जिससे स्थानीय छात्रों को उच्च चिकित्सा शिक्षा में प्राथमिकता प्राप्त हो सके। (mp news)
इस वर्ष कई अन्य राज्यों जैसे गुजरात, केरल, और उड़ीसा में डोमिसाइल आरक्षण (Domicile Reservation) यथावत लागू है, मध्यप्रदेश में इसे अचानक समाप्त कर देना छात्रों के साथ अन्याय बताया जा रहा है। सवाल इस बात को लेकर उठ रहे है कि यदि इस वर्ष यह नियम मेडिकल पीजी पाठ्यक्रमों पर लागू किया गया है। तो डेंटल पीजी 2025 में इसे क्यों नहीं लागू किया गया? नीति में यह भेदभाव छात्रों की समझ से परे है। (mp news)
विशेषज्ञों का मानना है कि डोमिसाइल आरक्षण व्यवस्था छात्रों को अपने गृह राज्य में अध्ययन का अवसर देती है, जिससे वे परिवार के पास रहकर शिक्षा प्राप्त कर सकें। साथ ही, भविष्य में राज्य में सेवाएं देने की संभावनाएं भी बढ़ती हैं। इससे राज्य की स्वास्थ्य प्रणाली को मजबूती मिलती।
उन्होंने कहा कि शासन के इस निर्णय से राज्य के स्थानीय छात्रों का ही नुकसान हो रहा है, क्योंकि बाहरी राज्यों के छात्रों को सीट मिल जाएगी, और जो राज्य के स्थानीय छात्र और वे छात्र जिन्होंने देश के बाहर से एमबीबीएस किया है, वह मध्य प्रदेश की स्थानीय निवासी है वह कहां जाएंगे, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। इससे उनका हौसला टूटेगा, वहीं अन्य राज्य के छात्रों को दोहरा लाभ प्राप्त होगा उन्हें उनके राज्यों की डोमिसाइल का भी लाभ मिलेगा और मध्य प्रदेश का भी लाभ मिलेगा, जिससे मध्य प्रदेश के स्थानीय निवासी छात्रों का भविष्य अंधकार में हो गया। (mp news)
डोमिसाइल आरक्षण को तत्काल प्रभाव से पुनः लागू किया जाए, ताकि योग्य और मेहनती स्थानीय छात्रों को उनका हक मिल सके। हमको सरकार से न्यायपूर्ण निर्णय की अपेक्षा है, जिससे राज्य के छात्रों को राहत मिल सके।- डॉ दक्ष गोयल, आलोट
यदि इस निर्णय की जानकारी पहले से दी गई होती, तो वे अन्य विकल्पों के लिए तैयारी कर सकते थे। पड़ौसी राज्य गुजरात में पीजी के रजिस्ट्रेशन 10 सितंबर को बंद कर दिए गए है। यह सूचना मध्यप्रदेश में 11 सितंबर को प्राप्त हुई जब तक गुजरात के रजिस्ट्रेशन बंद हो चुके थे। वे छात्र जो अपने राज्य में काउंसलिंग था इंतजार कर रहे थे उन्होंने गुजरात की काउंसलिंग में न तो भाग नहीं लिया और न गुजरात में रजिस्ट्रेशन करवाया है। - डॉ राकेश कुमावत, संचालक, अभ्यास कॅरियर इंस्टिट्यूट
Updated on:
17 Sept 2025 01:18 pm
Published on:
17 Sept 2025 01:17 pm
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