
पीएम मोदी की इस बड़ी योजना को भी अफसरों ने लगा दिया पलीता
रतलाम। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महती योजना को भी अफसर पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं, भारत सरकार द्वारा शुरू की गई मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को शुरू करने के पिछे उ²ेश्य था कि मिट्टी के संतुलन और उसकी उर्वरकता को बढ़ावा मिले, जिससे किसानों को कम कीमत में अधिक पैदावार मिल सके। कार्ड के माध्यम से मिट्टी की सही सेहत की जानकारी किसानों तक पहुंच सके, ताकि मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फसल मिलने में सहायता होगा, लेकिन मध्य प्रदेश के रतलाम शहर की बात करें तो कृषि विभाग के अफसरों की लापरवाही के कारण अब तक वर्ष २०१७-१८ के कार्ड नहीं बांटे गए, जबकि यह कार्ड मार्च २०१८ के अंत तक किसानों के पास पहुंच जाने थे।
भारत सरकार की महती योजना प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य कार्ड के लक्ष्य पूर्ति करने में रतलाम कृषि विभाग फिसड्डी साबित हुआ, पिछले साल वर्ष २०१७-१८ में २९ हजार सेम्पल के कार्ड वितरण करने का लक्ष्य विभाग को था, लेकिन अधिकांश किसानों अब तक नहीं पहुंच पाए है, जबकि यह कार्ड मार्च माह के अंत तक वितरण हो जाने थे। कई विकासखंडों में तो अगस्त २०१८ तक लैब और जिला मुख्यालय से कार्ड पहुंचे तक नहीं है तो वितरण कब होंगे पता नहीं। पिछले साल जावरा विकासखंड से ६ हजार सेम्पल लेब पहुंचाए थे, जिसमें से मात्र १५०० कार्ड ही बनकर पहुंचे है, जिला स्तर पर विभाग को फिर से २०१८-१९ में भी २९ हजार का लक्ष्य सामने है, हां यह बात अलग है कि अब किसानों से मिट्टी परीक्षण के दौरान लिए जा रहे आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त कर दी है, अधिक सेम्पल विभाग के पास पहुंच सके। कृषि उपज मंडी स्थित मिट्टी परीक्षण केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार २९ हजार का पिछले साल लक्ष्य था, जुलाई माह तक कार्ड कृषि विभाग को सुपुर्द कर दिए है, आगामी लक्ष्य भी २९ हजार है, जिसमें से १५६०० से अधिक सेम्पल लेब में पहुंच चुके हैं और १० हजार के करीब जांच भी की जा चुकी है। अब सेम्पल खेत खाली होने पर आएंगे।
यह स्थिति विकासखंड स्तर पर
जावरा विकासखंड के वरिष्ष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी डीपीएस तोमर ने बताया कि पिछले साल ६ हजार सेम्पल मंडी लेब पहुंचाए थे, जिसमें से १५०० के करीब कार्ड बनकर अब तक आए है। इस साल के भी करीब ४५०० सेम्पल पहुंचा दिए है। पिपलौदा विकासखंड के कृषि अधिकारी एके कुशवाह ने बताया कि पिछले साल के मिट्टी सेम्पल मार्च-अप्रैल में पहुंचाए थे, जिनके कार्ड आना बाकि है। आलोट विकासखंड के राजेश सोलंकी ने बताया कि पिछले साल जो कार्ड बनकर आए थे वह वितरण कर दिए है। ८-१० गांव के कार्ड अभी बनकर नहीं आए है, वह लेब में ही है। बाजना विकासखंड के एसएडीओ मुनिया ने बताया कि ८ हजार १६४ सेम्पल गए थे सभी वितरण कर दिए है। रतलाम विकासखंड के बीएम सोलंकी का कहना है कि १०९०४ सेम्पल लेब में पहुंचाए थे, सभी कार्ड वितरण कर चुके हैं। हां कुछ कार्ड मार्च के बाद आए थे, उन्हे भी ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी वितरण करवा दिए है।
यह है उ²ेश्य योजना
उल्लेखनीय है कि भारत सरकार द्वारा मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना को शुरू करने के पिछे उ²ेश्य था कि मिट्टी के संतुलन और उसकी उर्वरकता को बढ़ावा देना है, जिससे किसानों को कम कीमत में अधिक पैदावार मिल सके। कार्ड में मिट्टी की सेहत की जानकारी किसानों की दी जाए, ताकि मिट्टी की गुणवत्ता का अध्ययन करके एक अच्छी फसल मिलने में सहायता मिलेंगी। साथ ही इस योजना का लाभ लेने वाले किसानों के खेत की मिट्टी की लवणीयता, क्षारीयता और अम्लीयता की पूरी जांच होगी, जिससे अगर मिट्टी में बदलाव होते है तो किसानों को उसके बारे में जानकारी दी जाएगी, ताकि वे इसके लिए समय रहते काम कर सके।
अधिकांश किसानों का कार्ड वितरण हो गए
मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना अन्तर्गत पिछले साल के २९ हजार के लक्ष्य अनुसार सेम्पल लेब पर पहुंच गए थे, कुछ देरी हुई थी। अधिकांश कार्ड का वितरण किसानों को कर दिया गया, कुछ बाकि है। इस साल किसानों से सेम्पल के दौरान लिए जा रहे आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। नये साल के लक्ष्य अनुसार सेम्पल पहुंचाए जा रहे हैं।
जीएस मोहनिया, उपसंचालक कृषि, रतलाम
Published on:
24 Aug 2018 12:29 pm
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