मध्यप्रदेश में टाइगर रिटर्न
भारतीय स्टेट बैंक याने की एसबीआई जिले के करीब 2.50 लाख खातों पर नजर रखे हुए है। यह वो खाते है जिनमे लंबे समय से या तो लेन-देन नहीं हुआ है या फिर केवाईसी जमा नहीं हुआ है। बार - बार सूचना देने के बाद भी खातेदार ने बैंक से संपर्क तक करना जरूरी नहीं समझा है। ऐसे में बैंक इस माह इंतजार करेगी व इसके बाद आरबीआई को इस संबंध में सूचना देगी।

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लेनदेन करने पर रोक लगा दी असल में एसबीआई की रतलाम जिले में शाखा है। इन शाखाओं में ६ लाख से कुछ अधिक उपभोक्ता है। इनमे जनधन से लेकर पेंशनर्स, रुपए जमा करने वाले से लेकर कर्जदार, कारोबारी आदि प्रकार के खाते है। आरबीआई याने की रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के नियम अनुसार अगर छह माह में एक बार लेन-देन नहीं होता है तो बैंक खाते को होल्ड कर देती है। अगर पूरे वर्ष लेन-देन नहीं हो तो खाते में रुपए लेनदेन करने पर रोक लगा दी जाती है। इसके बाद बैंक मैनेजर को केवाईसी दिखाने पर ही लगाई गई रोक को हटाया जाता है।

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सूचना के बाद भी नहीं आ रहे
बैंक के आला अधिकारियों के अनुसार जिले की 25 ब्रांच के 2.50 लाख खाताधारकों को कई बार सूचना दी गई कि वे केवाईसी याने की आधार नंबर, पेनकार्ड नंबर, मोबाइल नंबर को अपडेट करवाए। इस सूचना के बाद भी यह उपभोक्ताओं ने इस कार्य में रुचि नहीं दिखाई है। इसके बाद ही बैंक ने अंतिम रुप से सूचना देने के साथ ही इस माह के बाद इन खातों को बंद करने के बारे में निर्णय लेने का मन बना लिया है।

बैंक के आला अधिकारियों के अनुसार जिले की 25 ब्रांच के 2.50 लाख खाताधारकों को कई बार सूचना दी गई कि वे केवाईसी याने की आधार नंबर, पेनकार्ड नंबर, मोबाइल नंबर को अपडेट करवाए। इस सूचना के बाद भी यह उपभोक्ताओं ने इस कार्य में रुचि नहीं दिखाई है। इसके बाद ही बैंक ने अंतिम रुप से सूचना देने के साथ ही इस माह के बाद इन खातों को बंद करने के बारे में निर्णय लेने का मन बना लिया है।
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आरबीआई के नियम का पालन
केवाईसी अपडेट नहीं करने वाले एसबीआई में जिले में करीब २.५० लाख उपभोक्ता है। अगर समय पर वे इसको अपडेट नहीं करते है तो आरबीआई के नियम का पालन करके इन खातों को बंद किया जा सकता है।

केवाईसी अपडेट नहीं करने वाले एसबीआई में जिले में करीब २.५० लाख उपभोक्ता है। अगर समय पर वे इसको अपडेट नहीं करते है तो आरबीआई के नियम का पालन करके इन खातों को बंद किया जा सकता है।
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