
दोपहर 1.15 तक परिधि उपरंात शिव योग रहेगा। दोनों ही नैसर्गिक योग शुभ तथा मंगलकारी रहेंगे
रतलाम। हिंदी माह आषाढ़ कृष्ण पक्ष की अमावस्या 2 जुलाई 2019 को खग्रास सूर्य ग्रहण ( solar eclipse 2019 ) रहेगा। ये दक्षिण प्रशांत महासागर से शुरू होगा। इस ग्रहण का मोक्ष अटलांटिका में होगा। भारतीय समय की बात करे तो आगामी मंगलवार की रात 10 बजकर 25 मिनट को ये स्पर्श करेगा, रात 12 बजकर 53 मिनट पर ग्रहण का मध्य होगा व तड़के 3 बजकर 21 मिनट पर इसका मोक्ष काल होगा। रात में जब सूर्य ग्रहण होता है, तब इसका धार्मिक महत्व नहीं होता है, लेकिन ग्रह की दृष्टि से ये महत्व रखता है। ये बात रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी अभिषेक जोशी ने कही। वे नक्षत्रलोक में भक्तों को इससे राशि में होने वाले असर के बारे में बता रहे थे।
बता दे कि जब सूर्य, चंद्र व पृथ्वी के बीच तालमेल बनता है तब कुछ समय के लिए सूर्य गायब हो जाता है या दिखता नहीं है। ज्योतिष भाषा मंे इसको ही सूर्य ग्रहण कहते है। सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन होता है। ग्रहण का धार्मिक दृष्टि से विशेष महत्व होता है।
ये काम भूलकर नहीं करें
ग्रहण के दौरान कुछ कार्यो को करने पर रोक लगी हुई है। ये वैज्ञानिक भी है व ज्योतिषिय भी। उदाहरण के लिए ग्रहण को खुली आंख से नहीं देखना चाहिए। ग्रहण के दौरान नुकीली चीज का प्रयोग नहीं करें। कपडेु़ नहीं सिले व सुई का उपयोग नहीं करें। ग्रहण के दौरान गर्भवती महिला बाहर नहीं निकले। ग्रहण के दौरान कुछ खाना-पीना वर्जीत रहता है। इसके अलावा लगातार अपने ईष्ट देव को याद करते हुए ग्रहण के बाद स्नान जरूर करें।
ग्रहण के बाद करें ये दान
ग्रहण के बाद दान का विशेष महत्व है। सूर्य ग्रहण के बाद दान करने से पिता के स्वास्थ्य का लाभ मिलता है। इसके अलावा जो व्यक्ति दान करता है, उसको यश व सम्मान की प्राप्ती होती है। सूर्य ग्रहण के बाद गेहूं, धान, चना, मसूर दाल, चावल, काला कंबल, सफेद या गुलाबी कपडे़, शक्कर या चीनी, खीर का दान का महत्व है। इसके अलावा आटे में पीसी हुई चीनी या शक्कर मिलाकर पीपल के पेड़ के नीचे जो दान करता है, उसको कई सहस्त्र गुना फल प्राप्त होता है।
राशि अनुसार मिलेगा ये फल
मेष राशि - मंगल के स्वामी वाली इस राशि के लोगों को ग्रहण के बाद पराक्रम में वृद्धि होगी। तकनीकी कारणों से विद्या में अवरोध या रुकावट होगी। बाहर के खाने से बचे नहीं तो पेट की समस्या होगी।
वृष राशि - शुक्र के स्वामी वाली इस राशि के लोगों को ग्रहण के बाद वाणी में तीव्रता आएगी। इनके पराक्रम के साथ आय में वृद्धि होगी। आय बढऩे के साथ-साथ अचानक खर्च बढेग़ा। इसके साथ ही पेट एवं पैर में लगने का भय बना रहेगा।
मिथुन राशि - बुध के स्वामी वाली इस राशि के लोगों को सिर दर्द की समस्या, कंधे कमर के दर्द, धनागम, दाम्पत्य में तनाव रहेगा।
कर्क राशि - चंद्र के स्वामी वाली इस राशि के लोगों को आंखों में जलन या दर्द, अचानक खर्च में वृद्धि होगी, लेकिन शत्रुओं का नाश होगा।
सिंह राशि - सूर्य के स्वामी वाली इस राशि के लोगों को ग्रहण से आय के नए साधनो में वृद्धि होगी। चोट या ऑपरेशन की संभावना बनी रहेगी। विद्या में अवरोध आएगा, जो बाद में समस्या मित्रों के सहयोग से हल हो जाएगी।
कन्या राशि - बुध के स्वामी वाली इस राशि के लोगों को ग्रहण के बाद हर समय आंतरिक डर, सांस लेने में समस्या या सीने की तकलीफ, आपसी विवाद या पारिवारिक समस्या, वाहन एवं गृह पर खर्च बढेग़ा।
तुला राशि - शुक्र के स्वामी वाले इस राशि के लोगों को ग्रहण का बड़ा लाभ मिलेगा। अचानक से पराक्रम में वृद्धि होगी। गुस्से में वृद्धि, सम्मान में वृद्धि, भाग्य में वृद्धि होगी।
वृश्चिक राशि - मंगल के स्वामी वाले इस राशि के लोगों को अचानक भाग्य वृद्धि, वाणी में संयम रखना होगा। खर्च में वृद्धि, गृह एवं वाहन पर खर्च होगा।
धनु राशि - गुरु के स्वामी वाली इस राशि के लोगों को ग्रहण के बाद सिर के दर्द की समस्या, कन्धे या कमर के दर्द, दाम्पत्य में अवरोध, पेट की समस्या आदि होगी।
मकर राशि - न्याय के देवता शनि के स्वामी वाली इस राशि के लोगों को ग्रहण के बाद शत्रु पर विजय होगी। अपनों से बडे़ तनाव में रहेंगे। आप शांत रहे तो सर्वकार्य में सफलता मिलेगी।
कुम्भ राशि - शनि के स्वामी वाली इस राशि को संतान पक्ष से चिन्ता, शारीरिक कष्ट, मन अशान्त ग्रहण के बाद रहेगा। हनुमान जी की सेवा करने से लाभ होगा।
मीन राशि - देव गुरु के स्वामी वाली इस राशि के लोगों को ग्रहण के बाद सीने की तकलीफ, गृह एवं वाहन सुख में वृद्धि, भाग्य में वृद्धि होगी। इसको और बेहतर बनाने के लिए विष्णुलक्ष्मी नारायण का ध्यान करें।
Published on:
29 Jun 2019 11:16 am
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