
solar eclipse Six planets in the same zodiac on the day
रतलाम। आगामी 26 दिसंबर को आकाशगंगा में सूर्य ग्रहण है। इस ग्रहण के दिन ही एक साथ छह ग्रह एक ही राशि में रहेंगे। इसका व्यापक असर विभिन्न राशि के साथ - साथ प्रकृति में होगा। यह बात रतलाम के प्रसिद्ध ज्योतिषी व क्षत्रलोक ज्योतिष विज्ञान शोध संस्थान के अभिषेक जोशी ने सूर्य ग्रहण व ग्रहों के मिलन से होने वाले प्रभाव के बारे में बताते हुए कही। एक माह में दो ग्रहण प्राकृतिक आपदा व हिंसक घटनाओं के बढऩे के संकेत दे रहे हैं। इस घटना की वजह से यह समय देश के लिये अनुकूल नही रहेगा। सरकार को दृढ़ होकर कदम उठाने होंगे।
ज्योतिषी जोशी ने बताया कि ग्रहण के बाद के 108 दिन में देशद्रोही ताकते अपना बल प्रयोग करने के साथ ही साम दाम दंड भेद की नीति अपनाते हुए सत्ता पक्ष को कमजोर करने का हर सम्भव प्रयास करेगी। यद्यपि उनका यह प्रयास निकट भविष्य में लिये आत्मघाती ही सिद्ध होगा। देश की सम्पत्ती को नुकसान पंहुचाने के साथ ही आम जनता से लूटपाट, चोरी, डकैती, महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं भी तेजी से बढेग़ी।
यहा हो रहा है आकाश में
ज्योतिषी जोशी के अनुसार 15 दिसम्बर की शाम को देवगुरु ब्रहस्पति अर्थात गुरु सूर्य ग्रह के संपर्क में आकर अस्त हो गए हैं। गुरु का अस्त होने का अर्थ है ज्ञान व विवेक पर पर्दा डलना। हम समझ सकते हैं कि इस स्थिति में अज्ञान व अनाचार की घटनाओं में वृद्धि होगी। गुरु धर्म के भी कारक हैं अत: उनके अस्त होने से अधर्म की घटनाएं भी तेजी से होंगी। 16 दिसम्बर को सूर्य वृश्चिक राशि से धनु राशि मे प्रवेश कर गया है। वहां पहले से मौजूद गुरु-शनि व केतु के साथ युति कर चतुर्ग्रही योग बनना शुरू हो गया है। साथ ही राहु से समसप्तक योग बनाएगा जो प्राकृतिक आपदा को निमंत्रण देने वाला है। यह चतुर्ग्रही योग अब तक यहां शुक्र के रहने से बन रहा था जो 16 दिसम्बर को ही धनु राशि से मकर में प्रवेश कर गया है।
बुद्धि का कारक ग्रह बुध अस्त
ज्योतिषी जोशी के अनुसार 22 दिसम्बर को बुद्धि का कारक ग्रह बुध अस्त हो जाएगा। ज्ञान व विवेक के कारक ग्रह गुरु पहले ही अस्त हो चुके हैं और अब बुद्धि के कारक ग्रह बुध के भी अस्त होने से अधर्म व अनाचार की घटनाओं में अत्यधिक वृद्धि होगी। विगत दिनों महिलाओं, युवतियों व मासूम बालिकाओं के साथ जो वीभत्स घटनाएं हुई हैं उन्हें देखते हुए हमें इन्हें लेकर विशेष सावधनी व सतर्कता उक्त ग्रह स्थिति के चलते रखना होगी।
25 दिसंबर से होगा यह असर
25 दिसम्बर को बुध भी धनु राशि में प्रवेश कर जाएगा और यहां पंचग्रही योग बनाएगा। इसी के साथ 25 दिसम्बर को ही मंगल तुला से वृश्चिक राशि मे प्रवेश कर धनु राशि में स्थित सूर्य, गुरु, शनि, केतु व बुध के साथ द्विद्वादश योग व मिथुन राशि मे स्थित राहु से मङ्गल का षडाष्टक योग बनेगा। यह ग्रह गोचर अशांति की वजह बनने के प्रबल संकेत दे रहे हैं। आपराधिक व आतंकवादी घटनाओं में वृद्धि के साथ सीमा पर भी अशांति बढेग़ी व युद्ध के हालात बनेंगे। सभी ग्रहों का एक ही कोण में होना भी आंतरिक युद्ध की स्थिति बनने के संकेत दे रही है।
शनि भी अस्त हो जाएगा
31 दिसम्बर को न्याय का कारक ग्रह शनि भी अस्त हो जाएगा। ज्ञान, विवेक व बुद्धि के कारक ग्रहों के अस्त होने के बाद न्याय, कानून व सहनशीलता के कारक ग्रह का अस्त होने के कारण अनाचार, अत्याचार के साथ न्याय के विरुद्ध घटनाएं होंगी। यह स्थिति सरकार या प्रशासन के किसी कार्य या फैसले को लेकर असहनशीलता या असंतोष व गुस्साा बढऩे के संकेत भी दे रही है।
साल का आखिरी सूर्यग्रहण
26 दिसम्बर को धनु राशि में छ: ग्रहों की युति के बीच साल का आखिरी सूर्यग्रहण होगा। पौष अमावस्या, गुरुवार को कंकणाकृति सूर्यग्रहण होगा जो भारत मे भी दृश्य होगा। 25 दिसम्बर को धनु राशि में चन्द्र का भी प्रवेश हो जाएगा और यहां षटग्रही योग बनेगा। एक ही राशि मे छह ग्रहों का एकत्र होना बड़ी प्राकृतिक आपदा अर्थात भूकम्प, तूफान, सुनामी, अतिवृष्टि की तरफ संकेत के साथ ही अग्नि से संबंधित घटनाएं एवं ज्वालामुखी के सक्रिय होने की स्थिति बना रहा है। इसका प्रभाव मेष राशि को अपमान, वृषभ को कष्ट, मिथुन को जीवनसाथी कष्ट, कर्क को सुख, सिंह को चिंता, कन्या को कष्ट, तुला को धनलाभ, वृश्चिक को हानि, धनु को घात, मकर को हानि, कुम्भ को लाभ व मीन को सुख के रूप में फलीभूत होगा।
10 जनवरी को फिर होगा ग्रहण
इसके ठीक 15 दिन बाद 10 जनवरी, 2020 पौष पूर्णिमा, शुक्रवार को उपछाया चन्द्रग्रहण होगा। यह ग्रहण भी भारत मे दृश्य होगा। अत: भारत में इनका प्रभाव अवश्य देखने को मिलेगा। भारत एवं मुस्लिम बाहुल देशों के साथ चीन व जापान भयंकर प्राकृतिक आपदा से भारी जनधन हानि के योग बनने के साथ भारत व विश्च के प्रतिष्ठित शासकों के लिये भयावह स्थिति उत्पन्न करने वाला भी रहेगा। यह दोनो ग्रहण भारतीय राजनीति में प्रतिष्ठित व्यक्तियों, व्यापारियों, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों एवं सैन्य अधिकारियों के लिये भयावह है पाकिस्तान, अमरीका इजरायल उत्तर कोरिया एवं भारत के राज्यों में शासन व्यवस्था में उलटफेर की स्थिति भी निर्मित होगी।
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Published on:
18 Dec 2019 01:31 pm
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