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40 बच्चों का भविष्य बचाने दो भाई बने मिसाल, सरकार को दान कर दी जमीन

MP News: रतलाम जिले का मामला, यहां मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस वे की जद में आ रहा था स्कूल, स्कूल टूटने के बाद गांव से डेढ़ किमी दूर पढ़ने जा रहे थे 40 स्टूडेंट, दो भाइयों ने की बड़ी पहल, अब गांव में ही बनेगा स्कूल....

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MP news: रतलाम. जिले के दो भाई (इनसेट) बने मिसाल, बच्चों को गांव से डेढ़ किमी जाना पड़ रहा था दूर, अब गांव में ही खुलेगा स्कूल(फोटो सोर्स: पत्रिका)

4 साल पहले मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस-वे की जद में आया तो स्कूल तोड़ दिया। ब्लॉक को मुआवजे में मोटी रकम मिली, पर गांव में सरकारी जमीन नहीं थी। नतीजा, स्कूल का भवन नहीं बन सका। 40 बच्चे डेढ़ किमी दूर जाकर पढ़ने को विवश हो गए। नौनिहालों की परेशानी देख गांव के दो भाइयों ने मिसाल कायम की। उन्होंने 3400 वर्गफीट अपनी जमीन दान में दे दी। अब गांव में ही स्कूल बनेगा और बच्चे अपनी प्राथमिक स्तर की पढ़ाई यहीं कर सकेंगे।

मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस वे की जद में आया तो तोड़ा गया था स्कूल

एमपी के रतलाम ब्लॉक में पलसोड़ी पंचायत के पिपलीपाड़ा गांव का प्राथमिक विद्यालय 4 साल पहले मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस वे की जद में आ गया। इसे तोड़ दिया गया। एक्सप्रेस वे की ओर से मुआवजे में मिली राशि सरकारी खाते में जमा हो गई। लेकिन गांव में सरकारी जमीन न होने से इस राशि से स्कूल नहीं बन पा रहा था। मजबूरन बच्चों को गांव से डेढ़ किमी दूर माल्याखो प्राथमिक विद्यालय में पढ़ने के लिए भेजना पड़ा।

परेशानी बढ़ी तो दो भाई आए सामने

चार साल से डेढ़ किमी दूर जा रहे 40 बच्चों की पीड़ा देख पिपलीपाड़ा गांव के दो भाइयों रमेश मईड़ा व तोलाराम मईड़ा दुखी थे। उन्होंने बच्चों का भविष्य देख 3400 वर्गफीट जमीन सरकार को दान में दी।