
VIDEO : CAA, NRC, PM नरेंद्र मोदी से लेकर उद्योगपति AMBANI पर जैन मुनि ने बोली बड़ी बात
रतलाम। धार्मिक नगरी रतलाम में इन दिनों जैन संत आए हुए है। जैन मुनि व आचार्य पुलक सागर इन दिनों रतलाम में है। आचार्य पुष्पदंत सागर के यशस्वी शिष्य व राष्ट्रसंत पुलक सागर के रतलाम में इन दिनों प्रवचन चल रहे है। इस दौरान कुछ बात प्रवचन में तो कुछ पत्रिका से बात में कही। उन्होंने सीएए व एनआरसी को लेकर चल रहे विरोध, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर देश व दुनिया के शीर्ष उद्योगपति मुकेश अंबानी को लेकर काफी कुछ कहा। यहां देखें महत्वपूर्ण बात का VIDEO...
कोई भी काम बड़ा नहीं होता, बस मन को राजी करना पड़ता है। हमारा मन यदि ठान ले, तो हर काम संभव है। मन के हारे हार है और मन के जीते जीत है। इसलिए जिनेन्द्र बनने का विचार मन मे लाओ। आचार्य ने पीएम नरेंद्र मोदी व उद्योगपति मुकेश अंबानी की सफलता में नमो व जियो का उल्लेख करते हुए इसको जैन धर्म की महत्ता से जोड़ा। यह बात आचार्य पुष्पदंत सागर के यशस्वी शिष्य, राष्ट्रसंत आचार्य पुलक सागर ने कही। गोशाला रोड़ स्थित आचार्यश्री सम्मति सागर त्यागी भवन (साठ घर का नोहरा) में धर्मसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि लड़कर जो हारता है, उसे ही वीर कहा जाता है। बिना लड़े जो हार जाए, वह कायर कहलाता है। जिनेन्द्र भगवान द्वारा बताए गए मार्ग अनुसार रात्रि भोजन का त्याग और पानी छानकर पीने का प्रयास करके देखों। यदि इतना भी नही कर सकते, तो जिनेन्द्र भगवान बनना तो संभव ही नहीं होगा।
पीएम ने लिया शब्द
आचार्य ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी मोदी और उद्योगपति मुकेश अम्बानी ने सिर्फ भगवान के दिए हुए शब्दों का उपयोग किया है। पीएम मोदी ने नमो शब्द लिया, जो हमारे मंत्र में प्रथम आता है और अम्बानी ने जियो शब्द लिया है, जो भगवान के संदेश जियो और जीने दो में निहित है। यदि सिर्फ शब्दो की मदद से इतना सफलता उन्हें मिली है, तो सोचो भगवान की पूरी शरण मे जाने वाले को कितना लाभ हो सकता है।
उनको पड़ोसी से प्यार
सीएए व एनआरसी विषय पर बोले की इसका विरोध वो कर रहे है जिनको पड़ोसी से प्यार है। जब संविधान ने इसको मंजूर किया तो समर्थन करना चाहिए। सिर्फ विरोध के लिए विरोध हो रहा है। बगैर पढे़ं विरोध किया जा रहा है। देश में बढ़ते दुष्कर्म सहित अन्य अपराध पर बोले जब हम कहते है बेटी पढ़ाओ - बेटी बचाओ, तो यह भी कहा जाए कि बेटों को संस्कार दो। असल में हमारी शिक्षा गलत है। यह अर्थ के बारे में तो बता रही है, लेकिन नैतिकता से दूर कर रही है। जरुरत है कि नैतिकता को बढ़ावा देने वाली शिक्षा भी दी जाए।
Published on:
14 Feb 2020 11:02 am
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