
Abujh Muhurat in sanatan dharma
आज अक्षय तृतीया का दिन है, जिसे हिंदू कलैंडर मे अबूझ मुहूर्त के रूप में भी जाना जाता है, वहीं साल में साढ़े तीन अबूझ मुहूर्तों को sanatan dharma में मान्यता दी गई है।
ऐसे में कई लोग इन अबूझ मुहूर्त को लेकर असमंजस में रहते हैं कि ये अबुझ मुहूर्त क्या हैं और कब कब आते है? साथ ही इनके महत्व को लेकर भी बहुत से लोग नहीं जानते हैं। तो ऐसे में आज हम आपको Hindu Calender में माने जाने वाले 3.5 अबूझ मुहूर्तों के बारे में बता रहे हैं।
पंडित केबी शक्टा के अनुसार किसी कार्य को करने के लिए जो श्रेष्ठ समय होता है उसे मुहूर्त कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार मास श्रेष्ठ होने पर साल का, दिन श्रेष्ठ होने पर मास का, लग्न श्रेष्ठ होने पर दिन का और मुहूर्त श्रेष्ठ होने पर लग्न सहित समस्त दोष दूर हो जाते हैं।
Shubh Muhurat का शास्त्रों में विशेष महत्व माना गया है, लेकिन आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि कुछ ऐसी तिथियां होती हैं, जब मुहूर्त देखने की कोई आवश्यकता नहीं रहती यानि इस पूरे दिन को ही श्रेष्ठ माना जाता है ऐसी तिथियों को अबूझ मुहूर्त या 'स्वयं सिद्ध मुहूर्त' कहते हैं।
इन्हें माना जाता है 3.5 अबूझ मुहूर्त
1. चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा {विक्रम संवत् आरम्भ} अर्थात् गुड़ी पड़वा (हिन्दू नववर्ष)
2. आश्विन शुक्ल दशमी {दशहरा / विजयादशमी}
3. वैशाख शुक्ल तृतीया {अक्षय तृतीया / अखातीज}
4. कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा {अन्नकूट, गोवर्धन पूजा} का आधा भाग (ये आधा मुहूर्त है)
इन साढ़े तीन मुहूर्त में कोई भी शुभ कार्य किया जा सकता है इसका कोई दोष नहीं लगता। अक्षय मुहूर्त में भले ही विवाह के कारक ग्रह गुरु, शुक्र व शनि अस्त हो तो भी शुभ कार्यों को मान्य किया गया है।
1. चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा पर क्या क्या कर सकते हैं?
- नया कारोबार शुरू कर सकते हैं।
- गृह प्रवेश कर सकते हैं, मकान की नींव डाल सकते हैं।
- मंदिर स्थापना व मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा कर सकते हैं।
2. आश्विन शुक्ल दशमी {दशहरा / विजयादशमी} पर क्या क्या कर सकते हैं?
- नई नौकरी
- गृह प्रवेश
- नींव पूजन या भूमिपूजन
- स्थायित्व से जुड़ा कोई भी कार्य
3. वैशाख शुक्ल तृतीया {अक्षय तृतीया / अखातीज} पर क्या क्या कर सकते हैं?
- विवाह
- धर्म से जुड़े कार्य
- नई भौतिक वस्तुओं की खरीददारी
- धन निवेश से संबंधित कार्य
4. कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा {अन्नकूट, गोवर्धन पूजा} का आधा भाग (ये आधा मुहूर्त है)
- नया कारोबार शुरू कर सकते हैं।
- धन निवेश से जुड़े कार्य।
- भौतिक संसाधन से जुड़े कार्य।
- विवाह
इनके अलावा कई लोग बसंत पंचमी को भी महत्वपूर्ण मुहूर्त मानते हैं।
बसंत पंचमी पर क्या क्या कर सकते हैं?
- उपनयन संस्कार,मुंडन, कन-छेदन कर सकते हैं। ( मुहूर्त नहीं देखना होता )
- सगाई या विवाह कर सकते हैं। ( मुहूर्त नहीं देखना होता )
- विद्या आरंभ ( मुहूर्त नहीं देखना होता )
इसके अलावा इस दिन...
- नया कारोबार शुरू कर सकते हैं।
- गृह प्रवेश कर सकते हैं, मकान की नींव डाल सकते हैं।
- नया वाहन, बर्तन, सोना, घर, नए वस्त्र, आभूषण, वाद्य यंत्र, म्यूजिक सिस्टम आदि खरीदने के लिए बसंत पंचमी शुभ दिन है।
- किसी नए कोर्स में एडमिशन लेने के लिए, विदेश जाने के लिए आवेदन देने के लिए या संबंधित परीक्षा देने के लिए शुभ दिन माना जाता है।
- लॉन्ग टर्म निवेश, बीमा पॉलिसी, बैंक खाता आदि खोल सकते हैं।
- कोई नया काम शुरू कर सकते हैं, शिक्षा या संगीत से संबंधित कार्य कर सकते हैं।
Published on:
14 May 2021 01:48 pm
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