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कामदा सप्तमी व्रत 2022: इस व्रत को करने से सेहत, धन और प्रतिष्ठा में वृद्धि की है मान्यता, जानें महत्व और सम्पूर्ण विधि

locationनई दिल्लीPublished: May 30, 2022 12:00:55 pm

Submitted by:

Tanya Paliwal

Kamda Saptami Vrat 2022: हिंदू धर्म में कामदा सप्तमी व्रत भगवान सूर्य देव को समर्पित माना गया है। माना जाता है कि इस व्रत को श्रद्धापूर्वक करने वाले भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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कामदा सप्तमी व्रत 2022: इस व्रत को करने से सेहत, धन और प्रतिष्ठा में वृद्धि की है मान्यता, जानें महत्व और सम्पूर्ण विधि

Kamda Saptami Fast Significance And Puja Method: हिंदू धर्म में बहुत से फलदायी व्रतों में से एक कामदा सप्तमी व्रत हर महीने के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रखा जाता है। यह व्रत वर्ष भर चलता है और इसका पारण हर चौथे माह में किया जाता है। मुख्य रूप से यह व्रत सूर्य देव को समर्पित माना जाता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन जो व्यक्ति पूर्ण श्रद्धा के साथ पूजा और व्रत करता है उसे सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ ही उसे स्वास्थ्य, संतान, धन और मान-सम्मान में वृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

जून 2022 में कब है कामदा सप्तमी: इस वर्ष जून माह में कामदा सप्तमी का व्रत 6 जून, सोमवार को रखा जाएगा।

 

कामदा सप्तमी व्रत मुहूर्त: सप्तमी तिथि की शुरुआत 6 जून, सोमवार को सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर होगी और इसका समापन 7 जून, मंगलवार को सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर होगा।

कामदा सप्तमी व्रत विधि: इस व्रत को करने वाले जातक को कामदा सप्तमी व्रत के एक दिन पहले षष्टी तिथि को एक समय भोजन करना चाहिए। फिर सप्तमी व्रत के दिन निराहार रहकर भगवान सूर्य की पूजा करें। साथ ही ‘खरखोल्काय नमः’ और ‘सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें। कामदा सप्तमी व्रत के अगले दिन अष्टमी तिथि को सुबह जल्दी स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य नारायण की पूजा और हवन करने का विधान है। शास्त्रों के मुताबिक व्रत वाले दिन सूर्य देव से संबंधित वस्तुओं जैसे घी, गुड़ आदि का दान करना शुभ होता है। वहीं अष्टमी तिथि के दिन ब्राह्मणों का पूजन करके उन्हें खीर खिलानी चाहिए।

कामदा सप्तमी व्रत का महत्व: सूर्य देव को कुंडली में मान सम्मान, स्वास्थ्य, तेज, आत्मविश्वास और सत्ता-सुख का कारक माना गया है। ऐसे में यह व्रत खासतौर पर उन जातकों के लिए बहुत फलदायी माना जाता है जिनकी कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति कमजोर है और किसी काम में सफलता प्राप्त नहीं हो पा रही है। इस व्रत को करने से धन, सेहत संबंधी समस्याएं दूर होने के साथ ही जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलने की मान्यता है।

(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)

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