कामदा सप्तमी व्रत मुहूर्त: सप्तमी तिथि की शुरुआत 6 जून, सोमवार को सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर होगी और इसका समापन 7 जून, मंगलवार को सुबह 7 बजकर 55 मिनट पर होगा।
कामदा सप्तमी व्रत विधि: इस व्रत को करने वाले जातक को कामदा सप्तमी व्रत के एक दिन पहले षष्टी तिथि को एक समय भोजन करना चाहिए। फिर सप्तमी व्रत के दिन निराहार रहकर भगवान सूर्य की पूजा करें। साथ ही ‘खरखोल्काय नमः’ और ‘सूर्याय नमः’ मंत्र का जाप करें। कामदा सप्तमी व्रत के अगले दिन अष्टमी तिथि को सुबह जल्दी स्नान आदि से निवृत्त होकर सूर्य नारायण की पूजा और हवन करने का विधान है। शास्त्रों के मुताबिक व्रत वाले दिन सूर्य देव से संबंधित वस्तुओं जैसे घी, गुड़ आदि का दान करना शुभ होता है। वहीं अष्टमी तिथि के दिन ब्राह्मणों का पूजन करके उन्हें खीर खिलानी चाहिए।
कामदा सप्तमी व्रत का महत्व: सूर्य देव को कुंडली में मान सम्मान, स्वास्थ्य, तेज, आत्मविश्वास और सत्ता-सुख का कारक माना गया है। ऐसे में यह व्रत खासतौर पर उन जातकों के लिए बहुत फलदायी माना जाता है जिनकी कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति कमजोर है और किसी काम में सफलता प्राप्त नहीं हो पा रही है। इस व्रत को करने से धन, सेहत संबंधी समस्याएं दूर होने के साथ ही जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता मिलने की मान्यता है।
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई सूचनाएं सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह ले लें।)