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Karwa Chauth 2025 Moonrise Time : चांद कब निकलेगा? करवा चौथ निर्जला व्रत के 5 नियम, जानिए चांद को अर्घ्य देने की विधि क्या है

जानिए करवाचौथ 2025 में चांद कब निकलेगा, पूजा की विधि, व्रत कथा और अर्घ्य देने का सही तरीका। देशभर के प्रमुख शहरों का चंद्रोदय समय देखें।

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भारत

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Manoj Vashisth

Oct 10, 2025

Karwa Chauth 2025 moonrise time

Karwa Chauth 2025 moonrise time : जानिए करवाचौथ 2025 में चांद कब निकलेगा, पूजा की विधि, व्रत कथा और अर्घ्य देने का सही तरीका (फोटो सोर्स: AI image@Gemini)

Karwa Chauth 2025 Moonrise Time : करवा चौथ पर चंद्रोदय के बाद व्रत तोड़ा जाता है, जो दिन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण होता है। महिलाएं सबसे पहले छलनी से चंद्रमा को देखती हैं, जो सकारात्मकता और भक्ति का प्रतीक है। फिर वे कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में चंद्रमा को अर्घ्य (जल) अर्पित करती हैं। इसके बाद, पति अपनी पत्नी को जल या मिठाई का पहला घूंट पिलाकर औपचारिक रूप से व्रत समाप्त करता है। इसके बाद महिलाएं खाती-पीती हैं, अक्सर फल, मिठाई या हल्के नाश्ते से शुरुआत करके दिन भर के व्रत का धीरे-धीरे समापन करती हैं।

आज चंद्रोदय का समय क्या है | Karwa Chauth 2025 Moonrise Time :

आज देश के प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का अनुमानित समय इस प्रकार है: दिल्ली और नोएडा - रात 8:13 बजे; चंडीगढ़, लुधियाना और जम्मू - रात 8:08 से 8:11 बजे; कोलकाता - शाम 7:41 बजे; मुंबई – रात 8:55 बजे; बेंगलुरु – रात 8:48 बजे; और हैदराबाद – रात 8:36 बजे।

करवा चौथ 2025 कथा | Karwa Chauth 2025 Katha

करवा चौथ व्रत की कथा इस अनुष्ठान का केंद्रबिंदु है। सबसे प्रचलित कथाओं में से एक है वीरावती की कहानी:

सात भाइयों की बहन वीरावती ने अपने माता-पिता के घर पर अपना पहला करवा चौथ व्रत रखा। शाम होते-होते जब वह प्यास और भूख से कमज़ोर हो गई, तो उसके भाइयों ने चिंतित होकर एक चमत्कार किया और चंद्रोदय का अनुकरण करने के लिए एक दर्पण रखा। यह मानकर कि चंद्रमा उदय हो गया है, वीरावती ने समय से पहले ही अपना व्रत तोड़ दिया। दुर्भाग्य से, उसे पता चला कि उसके पति की मृत्यु हो गई है। दुःख से अभिभूत होकर, उसने एक वर्ष तक अटूट श्रद्धा के साथ पूर्ण और विधिपूर्वक करवा चौथ का व्रत रखा। ईश्वर की कृपा से उसके पति पुनर्जीवित हो गए। यह कहानी विश्वास, भक्ति और नियमों के सख्त पालन को दर्शाती है।

पूजा के दौरान यह कथा किसी वृद्ध महिला या पुजारी द्वारा उच्च स्वर में सुनाई जाती है और श्रोता चावल लिए हुए या वाचक को छोटी-छोटी भेंट देते हुए।

पूजा विधि (करवा चौथ व्रत की विधि) | Karwa Chauth puja vidh

शाम को, महिलाएं करवा चौथ पूजा की तैयारी करती हैं। वे जगह की सफाई करती हैं, लाल या पीला कपड़ा बिछाती हैं और देवी पार्वती, भगवान शिव और करवा माता की मूर्तियाँ या चित्र रखती हैं। पूजा की थाली में दीपक, फूल, चावल, मिठाई और जल रखा जाता है। दीया जलाने के बाद, भगवान गणेश और फिर देवताओं की पूजा की जाती है। करवा चौथ कथा सुनाई जाती है, उसके बाद छलनी से चाँद को देखकर, अर्घ्य देकर, और पति द्वारा जल अर्पित करने पर व्रत तोड़ा जाता है।

करवा चौथ 2025 : करवा चौथ पर न करें ये 5 काम

  1. सरगी न छोड़ें: यह आपको बिना खाए-पिए पूरा दिन टिकाए रखने में मदद करती है।
  2. खुद पर ज्यादा जोर न डालें: अपनी ऊर्जा बचाएं और अपनी ताकत बनाए रखने के लिए ज्यादा मेहनत वाले काम करने से बचें।
  3. नकारात्मक विचारों से बचें: इस आध्यात्मिक अनुष्ठान के दौरान आनंदित और कृतज्ञ रहें।
  4. जल्दी न खाएं-पिएं: व्रत समाप्त करने के लिए चांद दिखने तक धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करें।
  5. बहस या तनाव से बचें: दिन को शांतिपूर्ण और प्रेम व भक्ति से भरपूर रखें।

करवा चौथ 2025 : करवा चौथ पर ध्यान देने योग्य 5 बातें

  1. अपने दिन की शुरुआत सरगी से करें: पूरे व्रत के दौरान ऊर्जावान बने रहने के लिए भोर से पहले का भोजन करें।
  2. सकारात्मक और शांत रहें: अपने जीवनसाथी की सलामती की कामना करते हुए मन को शांत रखें।
  3. पारंपरिक पोशाक पहनें: पवित्र परंपरा का सम्मान करने के लिए चमकीले, उत्सवी परिधान और आभूषण पहनें।
  4. पूजा में भाग लें: शाम की रस्मों में शामिल हों और करवा चौथ कथा को ध्यान से सुनें।
  5. व्रत का विधिवत समापन करें: चंद्रोदय का इंतजार करें, पूजा करें, फिर अपने पति द्वारा जल देने के बाद भोजन करें।

करवा चौथ 2025 : पूजा सामग्री | Karwa Chauth puja thali items list

शाम की पूजा को सही ढंग से करने के लिए आमतौर पर निम्नलिखित सामग्री एकत्र की जाती है:

  • करवा (मिट्टी या धातु का बर्तन)
  • पूजा की थाली
  • दीया और बाती
  • अगरबत्ती, धूपबत्ती
  • फूल और मालाएं
  • चावल (अक्षत), कच्चा दूध, दही, घी, मिठाई, चीनी
  • पानी का लोटा/छोटा घड़ा
  • कुमकुम, हल्दी, चंदन का लेप
  • चंद्रमा देखने के लिए छलनी
  • देवताओं (शिव, पार्वती, करवा माता) की तस्वीर या मूर्ति
  • सजाने के लिए लाल/पीले कपड़े या चुनरी
  • फल, चूड़ियां, सिंदूर, मेहंदी
  • पवित्र ग्रंथ या करवा चौथ कथा वाली कोई पुस्तक
  • वैकल्पिक: उपहार, पवित्र धागा, फल, सिक्के आदि।

करवा चौथ पर चांद की पूजा (Chand ko Arghya dene ki vidhi)

करवा चौथ पर चांद को अर्घ्य देने से पहले करवा चौथ की कथा जरूर सुन लें।

पूजा की थाली ऐसे तैयार करें: एक थाली लें और उसमें ये छीजें रखें

कलश: पानी से भरा हुआ एक छोटा लोटा (कलश) लें। इसमें एक चांदी का सिक्का और थोड़े से चावल (अक्षत) डाल दें।

अन्य सामग्री: रोली, थोड़े से और चावल, छलनी, आटे का दीपक (मिट्टी का या आटे का दीया), और मिठाई (भोग के लिए)।

चांद की पूजा की विधि:

चांद देखें: जब चांद निकल आए, तो सबसे पहले छलनी से चांद को देखें।

पति को देखें: चांद के दर्शन करने के बाद, उसी छलनी से अपने पति को भी देखें।

अर्घ्य दें: अब चांद को जल (अर्घ्य) चढ़ाएं।

दीपक और भोग: दीपक दिखाएँ और मिठाई का भोग लगाएँ।

आरती और सींकें: इसके बाद चांद की आरती करें। पूजा पूरी होने पर, चाँद की ओर सात सीकें (पतली तीलियाँ) फेंकें।

व्रत खोलें (पारण): चांद की पूजा खत्म होने के बाद, अपने पति के हाथों से पानी पीकर अपना व्रत खोल लें।

चांद को अर्घ्य देने का मंत्र: | Karwa Chauth Mantra

चांद को जल चढ़ाते समय आप यह आसान मंत्र बोलें:

ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नमः

या, इसे और भी सरल तरीके से कहें:

"हे चंद्रदेव, आपको नमस्कार है।"