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पांच महीने की गर्भवती महिला सब इंस्पेक्टर ने डॉक्टर से 6 हजार रुपये में की डील, फिर हुआ उसके करतूतों का पर्दाफाश

मध्यप्रदेश के रीवा में धड़ल्ले से चल रहे भ्रूण जांच के कारोबार का लेडी सब इंस्पेक्टर ने किया

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रीवा

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Muneshwar Kumar

Jul 05, 2019

pregnant lady sub inspector

pregnant lady sub inspector

रीवा. मध्यप्रदेश के रीवा जिले की एक महिला इंस्पेक्टर ( lady sub inspector ) ने जो की है, उसके लिए उसे सब लोग सलाम कर रहे हैं। अगर वह शहर में गलत तरीके से भ्रूण जांच ( gender test ) करने वाले डॉक्टर का पर्दाफाश नहीं करती तो न जाने और कितनी लाडो मारी जाती। डॉक्टर के इस काली करतूत का पर्दाफाश करने वाली महिला इंस्पेक्टर का नाम चित्रांगाना सिंह है, जो खुद पांच महीने की गर्भवती ( pregnant lady sub inspector ) है।

दरअसल, मामला ये है कि रीवा शहर में धड़ल्ले से एक डॉक्टर अवैध रूप से मोटी रकम लेकर भ्रूण जांच कर रहा था। इस मामले की शिकायत जिले के डीएम ओमप्रकाश श्रीवास्तव को मिली थी। इसके बाद डीएम ने जिले के अधिकारियों से कहा था कि इस मामले की जांच कीजिए और मामला सही पाएं तो सख्त कार्रवाई कीजिए।

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उसके बाद पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम इस मामले की जांच कर रही थी। शुरुआती जांच में यह शिकायत सही निकली लेकिन डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के लिए सबूत चाहिए थी। उसके बाद जिले के अधिकारियों ने इस काली करतूत की जांच का जिम्मा महिला थाना को सौंपी।

गर्भवती चित्रांगना सिंह से की बात
महिला थाना की प्रभारी आराधना सिंह ने अपनी सहयोगी चित्रांगना से अवैध तरीके से चल रहे सोनोग्राफी सेंटर के बारे में बात की। चित्रांगना खुद पांच महीने की गर्भवती हैं। वह अग्रवाल नर्सिंग होम के एक दलाल से मिलीं और सोनोग्राफी के बारे में बात कीं। छह हजार में डॉक्टर के आवास पर चित्रांगना ने सोनोग्राफी के लिए डील फाइनल की।

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शुक्रवार को बुलाया परीक्षण के लिए
डॉक्टर ने महिला इंस्पेक्टर चित्रांगना सिंह को शुक्रवार की सुबह अपने आवास पर सोनोग्राफी के लिए बुलाया था। चित्रांगना सिंह शुक्रवार को डॉक्टर के आवास पर पहुंची। डॉक्टर ने जैसे सोनोग्राफी करना शुरू किया वैसे ही जिला प्रशासन की पूरी टीम वहां पहुंच गई। अग्रवाल नर्सिंग होम के संचालक को अपने घर के कमरे रंगेहाथ भ्रूण जांच करते हुए गिरफ्तार कर लिया।

जिले के सीएमएचओ ने बताया कि डॉक्टर के पास इस मशीन का कोई रजिस्ट्रेशन नहीं है। लेकिन कलेक्टर के ऑफिस से न तो मशीन का रजिस्ट्रेशन है और न ही संचालक का।

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गौरतलब है कि पिछले दिनों ग्वालियर में भी एक लेडी अफसर ने भ्रूण जांच करने वाली एक डॉक्टर का खुलासा किया था। डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद शहर के डॉक्टर हड़ताल पर चले गए थे। बाद में पुलिस ने मामले को दफा करते हुए डॉक्टर को छोड़ दिया था।