27 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कृषि वैज्ञानिक बोले, खरीफ में अभी बोवनी करना किसानों पर पड़ सकता है भारी, जानिए क्या है वजह

किसानों अभी इंतजार करने का सुझाव...

2 min read
Google source verification

रीवा

image

Ajit Shukla

Jun 27, 2018

Suggestion of scientists, weather is not supported for sowing in Rewa

Suggestion of scientists, weather is not supported for sowing in Rewa

रीवा। बोवनी का वक्त भले ही निकला जा रहा है। लेकिन किसान अभी इंतजार करें। जल्दबाजी उत्पादन को प्रभावित कर सकती है। क्योंकि मौसम अभी बोवनी के अनुकूल के नहीं है। किसानों के लिए यह सुझाव कृषि विज्ञान केंद्र के परामर्शदात्री समिति के सदस्यों का है। समिति की मंगलवार को बैठक आयोजित की गई।

30 डिग्री तापमान आने तक करें इंतजार
कृषि महाविद्यालय में आयोजित बैठक के दौरान समिति के सदस्यों ने बतौर कृषि वैज्ञानिकों कहा कि वर्तमान में बोवनी के लिए न ही पर्याप्त बारिश हुई और न ही तापमान अनुकूल है। मौसम का अधिकतम तापमान जब तक 30 डिग्री सेंटीग्रेड तक नहीं आ जाता है। बोवनी करना नुकसान को दावत देने जैसा होगा।

वैज्ञानिकों ने जारी किया बुकलेट
समिति की ओर से बैठक के दौरान खरीफ की बोवनी से संबंधित परामर्श पर आधारित एक बुकलेट का विमोचन किया गया। बैठक में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित महाविद्यालय के अधिष्ठाता प्रो. एसके पांडेय ने कहा कि किसान वैज्ञानिकों के सुझाव पर अमल करते हुए बोवनी करें। उन्होंने कहा कि समिति की ओर से तैयार की गई बुकलेट में किसानों को हर तरह का परामर्श मिल जाएगा।

बैठक में उपस्थित रहे ये वैज्ञानिक
समिति की बैठक में प्रो. एमए आलम, डॉ. अजय कुमार पांडेय, डॉ. एसके पयासी, डॉ. एके जैन, डॉ. आरपी जोशी व डॉ. सीजे सिंह सहित अन्य वैज्ञानिकों के अलावा उद्यानिकी विभाग के संयुक्त संचालक जेपी कोलेकर, उप संचालक उद्यान योगेश पाठक, महिला बाल विकास के संयुक्त संचालक कंडवाल व मत्स्य विभाग के सहायक अधिकारी संजय श्रीवास्तव, उप संचालक पशुपालन डॉ. बीएस चौहान, सहित अन्य अधिकारी व कृषि वैज्ञानिक उपस्थित रहे।

कीटनाशकों का बदल कर करें प्रयोग
समिति की बैठक में उपस्थित जबलपुर से डॉ. डीपी शर्मा ने कहा कि फसल को कीट से बचाने के लिए किसान कीटनाशक का प्रयोग करें। लेकिन बदल-बदल कर इससे बेहतर परिणाम मिलेगा। बैठक में उपस्थित अन्य कृषि वैज्ञानिक व अधिकारियों ने भी किसानों के लिए अपना-अपना सुझाव दिया।