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भूमिहीन महिलाओं के आगे झुकी सरकार, जानिए क्यों

कलेक्ट्रेट गेट पर प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं के आगे आखिरकार जिला प्रशासन को नतमस्तक होना ही पड़ा

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रीवा

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Rajesh Patel

Feb 02, 2018

कलेक्ट्रेट गेट पर प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं के आगे आखिरकार जिला प्रशासन को नतमस्तक होना ही

कलेक्ट्रेट गेट पर प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं के आगे आखिरकार जिला प्रशासन को नतमस्तक होना ही

रीवा. कलेक्ट्रेट गेट पर प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं के आगे आखिरकार जिला प्रशासन को नतमस्तक होना ही पड़ा। रीवा में पहली बार भूमिहीन महिलाओं ने 96 घंटे तक प्रदर्शन किया। आंदोलन के चौथे दिन भूमिहीन महिलाओं की मांग पर संबंधित तहसीलों के अधिकारियों से जिला मुख्यालय पर दलित नेताओं के साथ वन टू वन चर्चा की गई और आवासीय पट्टा सहित तेरह सूत्रीय मांगों का लिखित आश्वासन दिया गया। मांगों के लिखित आवश्वासन पर महिलाएं गेट खाली कर घर लौटीं। राष्ट्रीय दलित महासभा के नेताओं ने जिला प्रशासन को चेताया है कि लिखित समझौते का पालन नहीं किया गया तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।
30 गुणा 40 फिट यानी दस डिसमिल आवासीय पट्टा दिया जाएगा
जिले के हनुमना, मऊगंज, नईगढ़ी, मगनवां और गुढ़ तहसील क्षेत्र की महिलाएं पांच एकड़ सरकारी जमीन पर पट्टा दिलाए जाने सहित अन्य तेरह सूत्रीय मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पहुंचीं। कलेक्ट्रेट गेट पर ठंड में चार दिन यानी रातभर प्रदर्शन किया। अफसर नेताओं के तमाम प्रयास के बावजूद महिलाएं लिखित आश्वासन पर अड़ी रहीं। चौथे दिन अपर कलेक्टर बीके पांडेय की अुवाई में हुजूर एसडीएम अरुण विश्वकर्मा सहित संबंधित तहसील के अधिकारियों के साथ वन टू वन चर्चा के दौरान मांगों पर सहमती नहीं बनी। वार्ता के दौरान दो बार बातचीत विफल रही।

पांच एकड़ जमीन का पट्टा दिए जाने का कोई कानून नहीं

इस दौरान अधिकारियों ने कहा कि पांच एकड़ जमीन का पट्टा दिए जाने का कोई कानून नहीं है, शासन के नियम-कायदे के आधार पर 30 गुणा 40 फिट यानी दस डिसमिल आवासीय पट्टा दिया जाएगा। भूमिहीन महिलाओं ने कहा जिस भूमि पर जितने एरिया में काबिज हैं उसकी ऋणपुस्तिका चाहिए।

अफसर और प्रदर्शकारियों के बीच पांच घंटे तक चला मंथन
हुजूए एसडीएम के चैम्बर में अफसर और प्रदर्शनकारियों के बीच करीब पांच घंटे तक मंथन चला। तीसरी बार सहमती बनने पर अधिकारियों ने कहा आवासीय पट्टा अधिकार मिलने के दो माह बाद ऋण पुस्तिका का आवेदन किया जाएगा। तीन फरवरी से संबंधित तहसीलों में पांच-पांच गांवों में शिविर लगाकर भूमिहीन परिवारों को आवासीय पट्टा दिया जाएगा। इस अवसर पर दलित नेताओं में संजय कुमार भारती, गौरीशंकर, केसकली, पूनम चौधरी सहित अन्य मौजूद रहीं। राष्ट्रीय दलित महासभा के अध्यक्ष ने बताया कि तीन फरीवरी से शिविर लगाए जाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
प्रदर्शनकारियों के समर्थन में पहुंचे बसपा नेता
कलेक्ट्रेट गेट पर प्रदर्शन के चौथे दिन भूमिहीन महिलाओं के समर्थन में बसपा के आधा दर्जन से ज्यादा नेता पहुंचे। बसपा की पूर्व विधायक विद्यावती पटेल, रामगरीब आदिवासी, बबिता साकेत, पकंज सिंह, मुनिराज पटेल सहित कई अन्य नेता पहुंचे थे। नेताओं ने संयुक्त रूप से कहा कि भूमिहीन परिवारों को जमीन का पट्टा नहीं दिया गया तो वे पूरे प्रदेश में आंदोलन करेंगे। दोपहर बसपा नेताओं के समर्थन के बाद जिला प्रशासन सक्रिय हो गया।
इन प्रमुख मांगों पर बनी सहमती
० सरकारी जमीनों को चिह्नित किया जाएगा
० हनुमना, मऊगंज, नईगढ़ी, मनगवां में तत्काल टीम गठित की जाए।
० वन विभाग की भूमि पर काबिज गरीबों को पट्टा दिया जाएगा।
० गरीबों के जमीन से दबंगों का कब्जा हटाया जाएगा।
० सभी पंचायतों में दस से बीस डिसमिल जमीन शांतिधाम के लिए आरक्षित होगी।
० हर पंचायत में अत्याचार निवारण शिकायत केन्द्र बनाया जाए।
० सरकारी व शासकीय स्कूलों से अतिक्रमण हटाया जाए।