चालकों को ई-चालान के जरिए चुकाना होगा जुर्माना
ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वाले वाहन चालकों को क्रेडिट, डेबिट कार्ड या यूपीआई से जुर्माना राशि का भुगतान करना होगा। हालांकि, इस व्यवस्था के प्रभावी होने से सामने आ रही मनमानी जुर्माना वसूली की शिकायतों पर भी लगाम लगेगी। संभाग में इस नई व्यवस्था को आईजी अनुराग और एसपी तरुण नायक ने पुलिस कंट्रोल रूम में नई व्यवस्था शुरू की है। इस दौरान संभाग के सभी पुलिस के आला अधिकारी मौजूद रहे।
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पहले यहां हो चुकी है इस व्यवस्था की शुरुआत
अबतक ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों से पुलिस जुर्माने की राशि नकद ही वसूलती थी। ऐसे में कई बार नियमों को तोड़ने वाले लोग रुपए न होने का कहकर पुलिस की चालानी कार्रवाई से बच निकलते थे। इस समस्या का निराकरण करने के लिए प्रदेश में लंबे समय से ये कवायद चल रही थी कि बड़े शहरों की तर्ज पर ट्रैफिक पुलिस ई चालान के तहत कारर्वाई की व्यवस्था होनी चाहिए। प्रदेश में सबसे पहले इस व्यवस्था की शुरुआत भोपाल से हुई है। इसके बाद इंदौर, ग्वालियर और अब सागर संभाग में इस व्यवस्था को शुरु किया गया है।
POS मशीन से सीधे खाते से कटेगा जुर्माना
इसमें ई चालान मशीन से लेस ट्रैफिक पुलिसकर्मी शहर के चौराहों और पर तैनात रहेंगे। इनमेंं डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए भुगतान किया जा सकेगा। स्टेट बैंक आफ इंडिया से मध्यप्रदेश पुलिस ने टाइअप किया गया है। इसके चलते 1800 पीओएस मशीनें पूरे प्रदेश के लिए उपलब्ध कराई गई हैं। यहां से ये पीओएस मशीनें संभाग के सभी जिलों में भी उपलब्ध करा दी गई हैं।
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ऐसे काम करेंगी,पीओएस मशीन
पीओएस मशीनों में जो साफ्टवेयर है,उसे एनआइसी ने बनाया है। इसमें मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं और जुर्माने की राशि फीड की गई है। डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड से भुगतान किया जा सकेगा। अगर कोई नकद भुगतान करना चाहता है तो इस पर गाड़ी का नंबर और नियम के उल्लंघन की जानकारी फीड करते ही पर्ची निकल जाएगी। इसके बाद नकद भुगतान लिया जा सकेगा। वहीं, अगर किसी के पास पैसे नहीं हैं, तो वाहन चालक से वह नंबर मांगा जाएगा, जो बैंक खाते से लिंक है। इस नंबर पर पीओएस के जरिये लिंक भेजी जाएगी, जिसपर तीन दिन के अंदर भुगतान करना होगा।