सूखे की आग में झुलस रहे बुंदेलखंड के इस क्षेत्र को नर्मदा की बूंदों से राहत मिलेगी। जिला योजना समिति ने सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। फिलहाल, नर्मदा व सोनार नदी को जोडऩे के लिए जल संसाधन विभाग को डीपीआर की जिम्मेदारी दी गई है।
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सागर.प्रदेश की जीवन-दायिनी मां नर्मदा अब अपने आंचल से सागर जिले को भी नया जीवन देगी। नर्मदा नदी को केसली-रहली से बहने वाली सुनार नदी से जोडऩे का काम शुरू करने की मंजूरी मिल चुकी है। नर्मदा व सुनार नदी के संगम से सागर जिले सहित दमोह, कटनी व रायसेन जिले को भी फायदा होगा।
जिला योजना समिति ने दी सैद्धांतिक मंजूरी
विशेषकर सूखे की आग में झुलस रहे बुंदेलखंड के इस क्षेत्र को नर्मदा की बूंदों से राहत मिलेगी। बुधवार को जिला योजना समिति ने इस काम को शुरू करने की भी सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। सागर संभाग में पहले से ही केन-बेतवा लिंक परियोजना और बीना नदी परियोजना को केंद्र सरकार की मंजूरी मिल चुकी है। फिलहाल, नर्मदा व सोनार नदी को जोडऩे के लिए जल संसाधन विभाग को डीपीआर की जिम्मेदारी दी गई है।
2 हजार 994 करोड़ की बनी है डीपीआर
वर्ष 2020 तक हर खेत को पानी पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई परियोजना के तहत बुंदेलखंड के सभी जिले में कार्ययोजना बनाई जा रही है। इनमें सागर संभाग के पांचों जिले छतरपुर, टीकमगढ़, दमोह, पन्ना, सागर सहित दतिया जिले की कार्ययोजना बनाई जा रही है। सागर जिले में इस परियोजना के तहत 2 हजार 994 करोड़ रुपए की डीपीआर तैयार की गई है। जिसमें पहले से चल रही सिंचाई परियोजनाओं के साथ-साथ जिले के सभी 11 ब्लॉकों में नई सिंचाई परियोजनाओं, तालाब निर्माण, जलाशय निर्माण को भी शामिल किया गया है।
30 किमी दूर है नर्मदा
केसली टड़ा के पास बरांझ नदी दक्षिण की तरफ नर्मदा नदी से मिलती है, जिसकी दूरी लगभग 30 किमी है। सुनार को बरांझ नदी से लिंक करके भी नर्मदा का पानी लाया जा सकता है। हालांकि जल संसाधन विभाग को सुनार व नर्मदा नदी जोडऩे के लिए सभी संभावनाओं पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
सुकून देती सुनार
जलसंकट के इस दौर में जहां लोग बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। वहीं रहली की सुनार नदी लबालब भरी है। जलसंकट को देखते हुए प्रदेश के पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव ने समनापुर स्थित बांध के गेट खुलवा दिए थे। जो 6 मार्च से 6 अप्रैल तक खुले रहे। नदी में पानी आने के बाद भोपाल स्थित लैब में इसका परीक्षण करवाया गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद रहली में पानी की सप्लाई के लिए 13 अप्रैल को वॉटर प्लांट का भी शुभारंभ कर दिया गया है।
फैक्ट फाइल
नर्मदा नदी
लंबाई 1,312 किमी
मध्यप्रदेश में 1.077 किमी
गुजरात में 161 किमी
मप्र-महाराष्ट्र की सीमा पर 74 किमी
मप्र के अमरकंटक, मंडला, जबलपुर, नरसिंहपुर, बरमान, होशंगाबाद, बड़वानी, ओंकालेश्वर, बड़वाह, महेश्वर और गुजरात के राजपिपला, धरमपुरी व भरूच शहर व आसपास से बहती है।
सुनार नदी
लंबाई 155 किमी
सागर जिले के केसली, रहली-गढ़कोटा होते हुए दमोह जिले के हटा से कटनी के पास केन नदी में मिलती है।
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नर्मदा और सुनार नदी को जोडऩे के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआ) बनाने जल संसाधन विभाग को आदेश दिए गए हैं। किस प्वाइंट से दोनों नदियों को जोड़ा जाएगा, इसकी सभी संभावनाओं को देखा जाएगा। बेबस नदी सहित अन्य नदियों को भी पुर्नजीवित करने पर काम होगा।