यह भी पढ़े: सावधान: बरसात में दुर्घटना का कारण बन सकते हैं बिजली के खंबे इस योजना पर जल्द काम शुरू होने वाला है। यह महत्वकांक्षी याेजना दिल्ली-मेरठ से लेकर एनसीआर क्षेत्र वेस्ट यूपी और उत्तराखंड समेत प्रयागराज तक के लोगों के लिए राहत देने वाली है। एनएचआई की योजना के बाद दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे को लिंक मार्ग के जरिए गंगा एक्सप्रेस-वे से सीधे जोड़ दिया जाएगा। एक हाइवे से दूसरे हाइवे पर जाने के लिए लोगों को फिर मेरठ बुलंदशहर हाईवे और एनएच 24 का इस्तेमाल नहीं करना होगा। इससे उनका समय और तेल तो बचेंगे ही साथ ही उनका सफर भी कम समय में तय हो जाएगा। एनएचएआई के इस प्रस्ताव को केंद्रीय मंत्रालय ने लगभग मंजूरी दे दी है। इसके बाद जमीन अधिग्रहण की तैयारी शुरू होगी और जल्दी ही इस प्रोजेक्ट काे कागजों से जमीन पर उतार दिया जाएगा।
करीब दो किलोमीटर तक लंबा हो सकता है लिंक रोड
एनएचएआई के इंजीनयर्स जिस तरह से लिंक रोड का खाका तैयार किया है उसको देखते हुए इसकी लंबाई करीब दो किलोमीटर तक हो सकती है। यह गोलाकार में होगा और एक हाइवे को दूसरे हाइवे से जोड़ने में सक्षम होगा। इसकी कुल आठ लेन होंगी। आठ लेन चौड़ा यह रिंग रोड दोनों हाईवे के ट्रैफिक को झेलने में सक्षम होगा और इसके तैयार होने के बाद मेरठ का यह आउटर क्षेत्र दिल्ली एनसीआर समेत इलाहाबाद और उत्तराखंड की ओर से आने वाले वाहनों का केंद्र बन जाएगा।
यह भी पढ़े: पुलिस चौकी से चंद कदम की दूरी पर तेल कारोबारी से 15 लाख की लूट मेरठ कमिश्नर सुरेंद्र सिंह ने इसकी पुष्टि की है। अब रिंग रोड का प्रस्ताव पास होने के बाद सांसद राजेंद्र अग्रवाल का कहना है कि उन्होंने ही इस मार्ग की सिफारिश की थी। उनका कहना है कि रिंग रोड के बन जाने के बाद जाम से छुटकारा मिलेगा और हापुड़ समेत उत्तराखंड की ओर से आने वाले वाहन मेरठ में प्रवेश किए बगैर ही दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे और गंगा एक्सप्रेसवे पर जा सकेंगे इससे मेरठ का ट्रैफिक दबाव कम होगा और पर्यावरण भी सुधरेगा।
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