गांव खेड़ा अफगान निवासी सुनील कुमार ने पानी और हवा से बिजली बनाई है। आठवीं तक पढ़ाई करने वाले सुनील के मुताबिक प्रोजेक्ट को तैयार करने में उन्हें 13 वर्ष लगे हैं। जब सुनील ने 2008 में हवा से बिजली बनाने वाले प्रोजेक्ट को तैयार किया तो देश की राजधानी दिल्ली, मुम्बई, मध्य प्रदेश , चंडीगढ़ से कई नामी कंपनियों और लोगों के पत्र मदद के लिए आए, लेकिन सुनील ने किसी से भी मदद नहीं ली। उसे डर है कि कहीं कंपनियां मदद के बहाने उसके प्रोजेक्ट को चुरा न लें। सुनील का कहना है कि लोग पानी और हवा से बिजली बनाते हैं, लेकिन उसके बनाए प्रोजेक्ट सबसे अलग हैं। यह मकानों, फैक्ट्रियों में बिजली बनाने में मदद करेंगे और प्रदूषण भी नहीं होने देंगे।
सुनील ने बताया कि हवा से बिजली बनाने वाले प्रोजेक्ट में 3 वोल्ट का एक अल्टीनेटर (मोटर), कागज की करंक (जो हल्की सी हवा देने से स्पीड पकड़ती है) बॉक्स के चारों ओर गत्ता और पन्ने का इस्तेमाल किया गया है। सुनील ने बताया कि पानी से बिजली बनाने के प्रोजेक्ट में 4 वोल्ट की मोटर, एल्मुनियम (धात) की बारीक चादर, दो प्लास्टिक पाइप, बॉक्स नीचे सपोर्ट के लिए लकड़ी का इस्तेमाल किया गया है। इस सिस्टम में फूंक मारने से अल्टीनेटर घूमने लगता है और इससे इडली बन जाती है सुनील ने अपने इस यंत्र में फूंक मारकर बिजली बनाकर भी दिखाई है और अब सुनील चाहता है कि उसे मेक इन इंडिया के तहत मदद मिले, ताकि यह यंत्र देश के काम आ सके।