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देवबंद पहुंचे सहारनपुर जिलाधिकारी ने कहा NPR में नहीं मांगे जाएंगे दस्तावेज

Highlights सहारनपुर के जिलाधिकारी ने देवबन्द में प्रबुद्ध लोगों से बात की और बताया कि एनपीआर को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है दस्तावेज नहीं देखे जाएंगे

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सहारनपुर। सहारनपुर जिलाधिकारी आलोक कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने देवबंद दारुल उलूम के मोहतमिम ( कुलपति ) और वहां के जिम्मेदार लोगों के साथ एक मीटिंग की। मीटिंग में बताया कि, एनपीआर को लेकर भ्रम फैलाया जा रहा है। एनपीआर में किसी भी तरह के दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे।

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दरअसल देवबंद में 27 जनवरी से धरना प्रदर्शन कर रही महिलाओं और प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सीएए के बाद देश में एनपीआर और एनआरसी लागू होगा। एनपीआर में दस्तावेज मांगे जाएंगे तो वह कैसे अपना दस्तावेज पूरे करेंगे ? पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में धरना प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने भी यह बात रखी थी कि आधार कार्ड में जिनके नाम सही नहीं हो पाएंगे बाद में उन्हें देश से निकाल दिया जाएगा उन्हें भारतीय नहीं माना जाएगा।

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इसी को लेकर गुरुवार को सहारनपुर जिलाधिकारी आलोक कुमार और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार देवबंद पहुंचे और वहां उन्होंने देवबंद दारुल उलूम के कुलपति मुफ्ती अबुल कासिम नोमानी व नायब मोहतमिम मौलाना खालिक मद्रासी के समेत पूर्व विधायक माविया अली, नगर पालिका अध्यक्ष जियाउद्दीन अंसारी, बदर कासमी, मौलाना मुजम्मिल और जमीयत उलेमा ए हिंद के जिला सचिव जहीन मदनी के अलावा बड़ी संख्या में मौजूद लोगों के साथ एक मीटिंग की। इस मीटिंग में बताया गया कि जिस तरह का भ्रम फैलाया जा रहा है वह बिल्कुल गलत है।

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एनपीआर में किसी भी तरह के दस्तावेज नहीं मांगे जाएंगे। कुछ लाेगाें के जहन में यह बात घर गई है कि उनके दस्तावेजों में अगर स्पेलिंग मिस्टेक भी हुई ताे उन्हे गैर भारतीय मान लिया जाएगा। यह गलत है इस तरह की अपवाहों का काेई मतलब नही है। इस दौरान एसएसपी और जिलाधिकारी ने इन मौजूद लोगों से धरना प्रदर्शन को खत्म कराए जाने की भी बात कही। इसके बाद एक प्रतिनिधिमंडल देवबंद के उस ईदगाह में पहुंचा जहां महिलाएं धरना दे रही थी। प्रतिनिधि मंडल ने महिलाओं से धरना खत्म करने के लिए कहा लेकिन महिलाओं ने इसका विराेध किया और प्रतिनिधिमंडल को वापस दौड़ा दिया।

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