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37 समितियों को नहीं बनाया जाए उपार्जन केंद्र

आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक ने जारी किए निर्देश

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37 Committees should not be made 'uparjan kendra'

37 Committees should not be made 'uparjan kendra'

सतना. समर्थन मूल्य पर धान एवं मोटा अनाज सहित गेहूं, दलहन, तिलहन के उपार्जन कार्य में लगी समितियों द्वारा व्यापक पैमाने पर अनियमितता की शिकायतें सामने आई हैं। इनके द्वारा क्रय की गई उपज को जमा कराने में शार्टेज की गई तो कुछ ने तय तिथियों के बाद ऑफ लाइन खरीदी की। मामले की शिकायत मिलने के बाद आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक ने कलेक्टर को पत्र लिख कर स्पष्ट किया है कि ऐसी समितियों का गहन परीक्षण करने के बाद ही इन्हें उपार्जन केन्द्र बनाया जाए। साथ ही अनियमितता बरतने वाली समितियों की पूरी सूची भी कलेक्टर को दी गई है।

खरीदी के लिये तय थे मापदण्ड
खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग सहकारी संस्थाओं के माध्यम से समर्थन मूल्य पर फसल का उपार्जन करता है। इसके लिए केन्द्रों का निर्धारण किया जाकर तय मापदण्डों के अनुसार खरीदी करने के निर्देश है। मापदण्डों में स्पष्ट है कि उपार्जित मात्रा एवं स्वीकृत मात्रा में 0.25 फीसदी से अधिक का अंतर नहीं होना चाहिए। अमानक स्तर की उपार्जन मात्रा कुल उपार्जन मात्रा की एक फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए। प्रमाणित गंभीर अनियमितता व कृषक भुगतान में विलंब नहीं होना चाहिए। ऑफलाइन मोड में काम नहीं किया जाना चाहिए। परिवहनकर्ता को स्कंध बिना तौले सौंपा अथवा परिवहन नहीं किया जाना चाहिए। लेकिन पाया गया है कि जिले की 37 समितियों ने इन मापदण्डों का पालन नहीं किया है। लिहाजा आयुक्त सहकारिता ने कलेक्टर को इनकी सूची भेजते हुए कहा है कि इन समितियों को उपार्जन केन्द्र बनाने के पहले जिला उपार्जन समिति के समक्ष गुण दोषों के आधार पर परीक्षण कर ऐसे केन्द्रों का चयन किया जाए जहां पर पूर्व में कोई गंभीर अनियमितता न हुई हो।

विभागों ने जताई यह आपत्ति

आयुक्त सहकारिता की मानें तो विभागीय अधिकारियों ने बताया कि समितियों में अनियमितता होने के बाद भी उपार्जन केन्द्र बनाया जाता है। इससे शार्टेज की राशि वसूल करने में कठिनाई होती है। साथ ही कहा कि अनियमितता करने वाले केन्द्रों को आगामी वर्षों में उपार्जन कार्य में न शामिल किया जाए।
इन केंद्रों ने की गड़बड़ियां

उप आयुक्त सहकारिता एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के माध्यम से जिले में गड़बड़ी करने वाली समितियों की जो जानकारी आयुक्त सहकारिता को मिली है उनमें सेमरी समिति का खरीदी केन्द्र हरदुआ, जसो समिति का कोटा, सितपुरा समिति का डाम्हा, कोटर समिति का चूंद, अबेर समिति का अबेर, गोलहटा समिति का बकिया, कुआ समिति का मलगांव, हर्रई समिति का बड़वार, बड़ा इटमा समिति का गोरसरी, हिनौती समिति का मनकीसर, लदबद समिति का जरौहा, गुलवारा गुजारा समिति का खरीदी केन्द्र सगौनी, गंजास समिति का खरीदी केन्द्र रामनगर मंडी, नयागांव खुटहा समिति का जैतवारा, बरा समिति का बिरसिंहपुर, मगराज समिति की मंडी अमरपाटन, अहिरगांव समिति की मंडी अमरपाटन, रामगढ़ समिति का ताला, कुम्हारी समिति का कुम्हारी, धोबहट समिति का धोबहट, भाजीखेरा का खरीदी केन्द्र भाजीखेरा, भाजीखेरा समिति का खरीदी केन्द्र शिवराजपुर, पनगरा समिति का रौड़, पडऱौत समिति का धौरहरा, कौहारी समिति का सिंहपुर, कौहारी समिति का धौरहरा, लगरगवां समिति का लगरगवां, बिहटा समिति का खरीदी केन्द्र मंडी उचेहरा, भटनवारा समिति का खरीदी केन्द्र करहीकला, गुढ़ा का तुषगवां, अमदरा का पकरिया, कुसेड़ी का बेरमा, सोनवारी का जरियारी, लटगांव समिति का खरीदी केन्द्र लटागांव और मझगवां समिति का खरीदी केन्द्र मझगवां मंडी शामिल है।