अपर संचालक ने बताया जवाब
तब जिला पंचायत सीईओ एवं अपर संचालक स्कूल शिक्षा संजना जैन ने स्पष्ट किया कि अपार का फुल फार्म है ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री अर्थात स्वचालित स्थायी शैक्षणिक खाता पंजीयन। इस पर कलेक्टर ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह जानकारी विभाग के हर अधिकारी को होनी चाहिए। बैठक में डाइट प्राचार्य सच्चिदानंद पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि जिले के उत्कृष्ट स्कूलों का चिन्हांकन किया जाए। 5वीं, 8वीं, 10वीं और 12वीं कक्षा के 5-5 उत्कृष्ट शिक्षकों को चयनित कर उन्हें पुरस्कृत करने की योजना तैयार की जाए। यह भी पढ़े –
‘पाकिस्तान निठल्ला-कुटेरा बच्चा, कितना भी मारो सुधरने का नाम नहीं लेता….’ कलेक्टर ने ली शैक्षणिक व्यवस्था की जानकारी
कलेक्टर को बताया गया कि जिले में 63 जनशिक्षा केंद्र हैं। यहां पर कुल 121 जनशिक्षक होने चाहिए, लेकिन अभी 63 हैं। इन्हें पदस्थ हुए। साल हो गए हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि इसकी प्रक्रिया पूरी करें। अभी तक क्यों लंबित रह? डीपीसी ने बताया कि प्रक्रिया दूषित हो गई थी। इस पर कलेक्टर ने कहा कि उसकी विस्तृत जानकारी दें।
कलेक्टर ने शून्य एडमिशन, शून्य शिक्षक और एकल शिक्षक की जानकारी चाही, लेकिन इसका सही जवाब नहीं मिल सका। इस पर कलेक्टर ने अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आप लोग तैयारी से नहीं आए हैं। इस दौरान बताया गया कि अभी तबादले में यह स्थिति सुधर जाएगी। अतिशेष को शासन स्तर से ही हटाया जा रहा है।
तो होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने कहा कि बीईओ और बीआरसी छात्रावासों का भी निरीक्षण करें। आगामी सत्र शुरू होने के बाद मैं भी स्कूलों का निरीक्षण करूंगा। इस दौरान कमियां मिलने पर संकुल प्राचार्य की बजाय संबंधित बीईओ और बीआरसी के ऊपर कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा कि स्कूल के बच्चों को स्थानीय कल-कारखानों का भ्रमण कराएं, जिससे छात्र-छात्राएं कारखानों की कार्य प्रणाली को समझ कर प्रेरणा प्राप्त कर सकेंगे।