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satna: फूड ऑफिस में क्या चल रहा है कोई अधिकारी देखने वाला नहीं, जंगलराज बना रखा है

अधिकारियों की जानकारी के बिना ऑपरेटर द्वारा अन्नदूत योजना के आवेदन निरस्त करन पर भड़के कलेक्टर

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satna: फूड ऑफिस में क्या चल रहा है कोई अधिकारी देखने वाला नहीं, जंगलराज बना रखा है

खाद्य विभाग की समीक्षा करते कलेक्टर अनुराग वर्मा

सतना। जिला उपार्जन समिति सहित खाद्य विभाग की समीक्षा बैठक में कलेक्टर उस वक्त भड़क गए जब उन्हें अन्न दूत योजना के 48 आवेदन ऑपरेटर द्वारा अपने स्तर पर निरस्त करने की जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि फूड आफिस में जंगल राज मचा रखा है। क्या चल रहा है कोई अधिकारी देखने वाला नहीं है। 15 दिन में ईकेवाईसी नहीं होने पर जेएसओ का 7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए। बैठक में जिला आपूर्ति अधिकारी केके सिंह, जिला प्रबंधक नान दिलीप सक्सेना, उप पंजीयक सहकारिता के पाटनकर , महाप्रबंधक केंद्रीय सहकारी बैंक सुरेशचंद्र गुप्ता, जिला प्रबंधक वेयर हाउस आरके शुक्ला, सहायक आपूर्ति अधिकारी केएस भदौरिया भी उपस्थित रहे।कलेक्टर ने बैठक में पूछा कि अन्नदूत के 48 आवेदन बिना परीक्षण के कैसे निरस्त हो गए। इस पर बताया गया कि ऑपरेटर ने अपने से कर दिया है। यह सुन कलेक्टर ने डीएसओ को जमकर फटकार लगाई। कहा कि आपरेटर के पास इतने अधिकार कैसे हो गए और किस पावर से उसने निरस्त कर दिया। अधिकारी क्या देखते है। इसके बाद कहा कि इसकी समिति गठित करें और तीन दिन में सभी आवेदनों का परीक्षण कर कारण सहित प्रतिवेदन टीएल बैठक में प्रस्तुत करें।

गोदाम स्तरीय केन्द्र फिर भण्डारण धीमा क्यों

कलेक्टर ने खरीदी केन्द्रों से भंडारण की स्थिति कमजोर पाए जाने पर कहा कि जब जिले के अधिकतर केन्द्र गोदाम स्तरीय है तो फिर भण्डारण क्यों समय पर नहीं हो परा है। इस पर वेयर हाउस के अधिकारी ने कहा कि समितियां स्कंध नहीं बना रही हैं। इस पर कलेक्टर ने फटकारा कि आप लोग फिर किस लिए हैं। यही तो आपका काम है लेकिन दूसरे के कंधे पर डालने की आदत हो गई है।

तारीख पर तारीख

पीडीएस का राशन अभी तक कई स्थानों पर नहीं पहुंचने पर कलेक्टर ने डीएम नान से जवाब तलब किया। इस पर डीएम नान ने कहा कि हो जाएगा जल्द ही। यह सुन कलेक्टर ने कहा कि आप तो तारीख पर तारीख की बात करते हें। पहले 12 कहे फिर 15 हुआ और अभी 27 तक खाद्यान्न नहीं पहुंचा सके। यह आदत सुधार लो।

तो निरस्त करो खरीदी केन्द्र

खरीदी केन्द्रों में अब तक 9688 किसानों से 82850 मेट्रिक टन गेहूं खरीदी की जानकारी दी गई। बताया गया कि अभी तक तीन खरीदी केंद्रों मानुषी स्व सहायता समूह पगार खुर्द, अन्नपूर्णा स्व सहायता समूह केल्हौरा और जनसेवक सहायता समूह डगडीहा द्वारा एक भी खरीदी नहीं की गई है। इस पर कलेक्टर ने कहा कि आज ही यहां खरीदी शुरू करवाओ अन्यथा की स्थिति में समूहों से खरीदी केंद्र का कार्य निरस्त कर दें। खरीदी केन्द्र से गेहूं परिवहन 69 प्रतिशत होने पर नाराजगी जाहिर की और इसे 80 फीसदी पहुंचाने कहा। जिले में परिवहन का काम दिलीप जायसवाल और विशाल जायसवाल द्वारा किया जा रहा है।

एक दिन बैठक का उसमें भी जांच का बहाना

कलेक्टर ने जेएसओ की गौरमौजूदगी का कारण पूछा तो बताया गया कि जांच में गए हैं। इस पर कलेक्टर ने कहा कि माह में एक दिन बैठक होती है उसी दिन जांच में जाते हैं। बाकी बैठे रहते हैं। मोबाइल नंबर की सीडिंग का कार्य 52 प्रतिशत ही पूरा हुआ है। कलेक्टर ने कहा कि सभी जेएसओ एक सप्ताह में मोबाइल सीडिंग और आधार सीडिंग का काम पूरा करें अन्यथा अभी केवल वेतन रोकी गई र्है। एक सप्ताह में शत-प्रतिशत काम पूरा नहीं होने पर 1 सप्ताह की वेतन काट ली जाएगी।

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एसएडीओ की बहाने बाजी से नाराज कलेक्टर ने दिया निलंबन का नोटिस
सतना। कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कृषि आदान, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उचेहरा विकासखंड में मृदा परीक्षण कम मिलने पर उचेहरा एसएडीओ से जवाब पूछा। कहा, मिट्टी परीक्षण के लिए 1018 के टारगेट के बराबर भी नमूने नहीं ले पाए। सिर्फ 874 सैम्पल लिए। ये तो हद दर्जे की लापरवाही है। इस पर एसएडीओ ने कहा कि चुनाव और उपार्जन ड्यूटी के कारण नहीं हो सका। यह सुन कलेक्टर भड़क गए। कहा, मेरा दिमाग मत खराब करो। अभी कौन सा चुनाव और उपार्जन हुआ है। इसके साथ ही डीडीए से इन्हें निलंबन का नोटिस देने के निर्देश दिए। बैठक में उपसंचालक कृषि मनोज कश्यप, परियोजना संचालक आत्मा राजेश त्रिपाठी, उपसंचालक उद्यानिकी एनएस कुशवाह उपस्थित रहे।कलेक्टर ने डीडीए से कहा कि आपका मैदानी अमला कहीं नजर नहीं आता है। इतने जगह मैं भ्रमण पर जाता हूं तब भी नहीं भी नहीं दिखता है। हद तो यह है कि फसल राहत सर्वे तक में नहीं दिखता है। व्यवस्थाएं सजग करें और यह तय करें कि मैदानी अधिकारियों की उपस्थिति गांव और ग्रामीण क्षेत्रों में दिखे।

इस बार 460 हैक्टेयर में प्राकृतिक खेती

डीडीए ने कलेक्टर को बताया कि प्राकृतिक खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ रहा है। 1520 किसानों ने460 हैक्टेयर में प्राकृतिक खेती के लिए पंजीयन कराया है। इनका प्रशिक्षण भी हो गया है। कलेक्टर ने कहा कि हर विकासखंड में दो-दो बड़े किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए तैयार कर उन्हें सभी उपकरण दें और ऐसे लोगों को चयन करें जो अन्य किसानों को आसानी से सिखा सकें।

अमानक खाद बीज पर सख्ती करें

कलेक्टर ने कहा कि अमानक स्तर के खाद-बीज के मामले में संबंधितों के विरूद्ध विधि अनुसार सख्त कार्यवाही करें। किसानों को आसानी से खाद मिल सके इसकी व्यवस्था करने डीएमओ से कहा। चना मसूर खरीदी केन्द्रों किसानों के लिये छाया और बारिश से बचाव के लिए त्रिपाल की व्यवस्था कराने डीएमओ से कहा। चेताया कि किसानों की उपज बिक्री में लापरवाही मिली तो नोडल अधिकारी कार्रवाई के लिये तैयार रहे।

13 खरीदी केन्द्र बनाए गए

उपसंचालक कृषि ने बताया कि जिले में चना, मसूर, सरसों की खरीदी के लिये 13 खरीदी केन्द्र बनाये गये है। जिनमें ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी को नोडल बनया गया है। अब तक 532 किसानों से 11570 क्विटल दलहन, तिलहन की खरीदी की गई है। कलेक्टर ने कहा कि मौसम की गड़बड़ी को देखते हुए इन खरीदी केन्द्रों में तिरपाल और किसानों को सुविधाओं के उचित प्रबंध करे। किसानों को खरीफ फसलों के लिए खाद के अग्रिम भण्डारण की व्यवस्था भी करने के निर्देश दिये गये।

पशु चिकित्सा के लिये हर ब्लाक में मोबाइल एम्बुलेंस क्लीनिक

पशु पालन विभाग की समीक्षा में बताया गया कि घायल और बीमार पशुओं की त्वरित चिकित्सा के लिए मोबाइल वेटनरी एम्बुलेंस की सुविधा लागू की जा रही है। प्रत्येक विकासखण्ड में आवश्यक सुविधा और स्टाफ के साथ एक एम्बुलेंस रहेगी। बड़े विकासखण्ड सोहावल और मझगवां में 2-2 वेटनरी एम्बुलेंस रहेगी।