
सतना। अंततः श्रीराम प्रतिज्ञा स्थल सिद्धा पहाड़ अब सिद्ध हो गया। यहां वनवासी प्रभु श्री राम की प्रतिमा की स्थापना कर दी गई है। भुजा उठा कर प्रतिज्ञा करते वनवासी राम की प्रतिमा को सिद्धा पहाड़ के नीचे से भी देखा जा सकेगा। इसके साथ ही वन विभाग ने यहां तक जाने के लिए सीढियाें का भी निर्माण करवाया है। श्रद्धालुओं को इस स्थल की परिक्रमा में आसानी हो लिहाजा 50 लाख की लागत से 1400 मीटर लंबा परिक्रमा पथ निर्मित किया गया है। पहाड़ी को हरा भरा करने के लिए व्यापक पौधरोपण किया गया है। प्रतिमा का निर्माण ग्रामोदय विश्वविद्यालय के आर्ट संकाय के विद्यार्थियों और प्रोफेसरों ने किया है। उन्ही के द्वारा पहाड़ के शिखर पर मूर्ति की स्थापना भी की गई है।
यह पवित्र पर्वत तब चर्चा में आया था जब प्रदेश सरकार ने इस पूरे पहाड़ को खोदने की अनुमति खनन कारोबारियों को दे दी थी। लेकिन 'पत्रिका' के खुलासे के बाद व्यापक जनआक्रोश को देखते हुए मुख्यमंत्री ने यहां की खनन अनुमति निरस्त करने के आदेश दिए थे।
' निसिचर हीन करउं महि भुज उठाय प्रण कीन्ह, सकल मुनिन्ह के आश्रमन्हि जाई-जाई सुख दीन्ह ' त्रेता युग में वनवास के दौरान भगवान श्री राम ने यह प्रतिज्ञा ली थी। इसका उल्लेख गोस्वामी तुलसीदास जी ने रामचरितमानस में किया है। अपने वनवास के दौरान जब प्रभु श्री इस सिद्धा पर्वत पर पहुंचे तो उन्हें बताया गया कि यह सामान्य पहाड़ नहीं है बल्कि राक्षसों द्वारा मारकर फेंकी गई ऋषि-मुनियों और संतों की अस्थियों का ढेर है। यह देखकर भगवान, दुखी और आवेशित हुए थे। उन्होंने अपनी भुजाएं उठाकर धरती को निशाचरों से विहीन करने की प्रतिज्ञा ली थी।
Updated on:
27 Sept 2023 10:25 am
Published on:
27 Sept 2023 09:55 am
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