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Sawai Madhopur: भारी बारिश से नदी-नाले उफने, कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा; ऐसे जान जोखिम में डाल रहे लोग

Sawai Madhopur Heavy Rain: राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में भारी बारिश के चलते नदी-नाले उफान पर है। वहीं, कई गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है।

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सड़क पर बहते पानी के बीच से निकलते वाहन चालक। फोटो: पत्रिका

Heavy Rain In Sawai Madhopur: सवाईमाधोपुर जिला मुख्यालय और उसके आसपास के क्षेत्रों में रुक रुककर देर रात तक बारिश का दौर जारी रहा। इस दौरान जिला मुख्यालय पर नदी-नालों में पानी की खूब आवक हुई। बारिश के चलते रणथंभौर में झरने बह निकले। मलारना डूंगर उपखंड क्षेत्र में बीते 24 घंटे में शनिवार सुबह 8 बजे तक 4 इंच बारिश हुई। बारिश से जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त। उपखण्ड क्षेत्र के कई सड़क मार्ग बंद हो गए। करेल, शेषा गांव ने कई घरों में पानी भर गया।

बारिश से लगातार बनास नदी में जलस्तर बढ़ रहा है। ऐसे में ओलवाड़ा बनास नदी रपट पर पानी बढ़ने से मलारना स्टेशन-सवाईमाधोपुर सड़क मार्ग पूरी तरह बंद है। निगोह नदी में पानी बढ़ने से मलारना स्टेशन मार्ग पर दो फीट पानी आया। छोटे वाहनों का आवागमन बंद है। हालांकि, कुछ लोग जान जोखिम में डालकर वाहन निकाल रहे है।

मोरेल नदी उफान पर। फोटो: पत्रिका

मोरेल बांध ओवर फ्लो होने से कई मार्ग बंद

मोरेल बांध ओवरफ्लो होने के बाद मोरेल नदी बहने तेज रफ्तार से बह रही है। ऐसे में निमोद-टिगरिया, मायापुर डूंगरी सड़क मार्ग बंद है। वहीं, मायापुर सहित कई ढाणियों के विद्यार्थी ​स्कूल भी नहीं जा पाए। आमजन के साथ किसानों का भी मुख्यालय से सम्पर्क कटा हुआ।

मोरेल बांध पर चली चादर। फोटो: पत्रिका

केरल गांव में बारिश से मकानों में भरा दो फीट से अधिक पानी। बारिश के चलते कई निचले इलाके पानी से जलमग्न हो गए। करेल में ग्रामीणों ने प्रशासन से पानी निकासी की मांग की। उधर, कोटा-लालसोट मेगा हाइवे मलारना चौड़ जलमग्न है। वहीं, भाड़ौती-मथुरा मेगा हाइवे पर भी मोरेल नदी में सड़क मार्ग पर जल स्तर बढ़ रहा है।

वर्षा से बिछाव तालाब छलका

बामनवास उपखंड मुख्यालय की जीवनरेखा माने जाने वाला बिछाव तालाब श्रावण मास के पहले पखवाड़े में ही पूरी तरह लबालब हो गया है। तालाब के छलक जाने से स्थानीय निवासियों में खुशी का माहौल है। यह तालाब बामनवास के नागरिकों के लिए पेयजल, स्नान, मवेशियों को पानी पिलाने और अन्य घरेलू उपयोगों के लिए मुय स्रोत है।

निमोद-टिगरिया सड़क मार्ग। फोटो: पत्रिका

प्रतिदिन हजारों लोग इस तालाब का उपयोग करते हैं। तालाब के चारों ओर करीब दो दर्जन से अधिक स्नान घाट बने हुए हैं, जो इसकी महत्ता को और बढ़ा देते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि श्रावण मास की शुरुआत में ही तालाब के भर जाने से अब उन्हें पूरे वर्ष पेयजल की चिंता नहीं रहेगी।

मलारना चौड़ बाईपास पर हुआ जलमग्न। फोटो: पत्रिका

कहां कितनी बारिश हुई

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार ढील बांध में 120, मानसरोवर में दो एमएम, देवपुरा में 16एमएम, पांचोलास में 25, खण्डार में एक, भाडौती में 28, सवाईमाधोपुर मानटाउन में 17, सवाईमाधोपुर तहसील में 22, खण्डार तहसील में 3 एमएम, चौथ का बरवाडा तहसील में 26, बौंली तहसील में 53, मित्रपुरा तहसील में 25, वजीरपुरतहसील में 32, तलावडा तहसील में 4, बरनाला तहसील में एक व भावरा तहसील में तीन एमएम बारिश दर्ज की गई।