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बड़ी लापरवाही: राजस्थान के सरकारी अस्पताल में लटका मिला ताला, खुले आसमान के नीचे हुआ महिला का प्रसव

PHC Malarna Station: एक तरफ सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा के दावे कर रही है। वहीं इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्र में हालात बद से बदतर हो रहे हैं।

Malarna-Station-PHC
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मलारना स्टेशन। फोटो: पत्रिका

PHC Malarna Station: सवाईमाधोपुर। एक तरफ सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा के दावे कर रही है। वहीं इसके विपरीत ग्रामीण क्षेत्र में हालात बद से बदतर हो रहे हैं। राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। गुरुवार शाम राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र मलारना स्टेशन पर चिकित्सा स्टाफ नहीं मिला। नतीजतन परिजनों को ही खुले में प्रसव कराना पड़ा। इससे जच्चा-बच्चा की जान पर बन आई।

हालांकि, कुछ देर बाद अस्पताल का सफाईकर्मी मौके पर पहुंचा। उसने जच्चा-बच्चा को वार्ड में लिया। खास बात यह है कि सूचना के बाद भी एएनएम और चिकित्सा स्टाफ नहीं पहुंचा। बाद में परिजन 108 एबुलेंस से जच्चा-बच्चा को मलारना डूंगर सीएचसी ले गए।

प्रसव पीड़ा होने पर लाए अस्पताल

जानकारी के अनुसार बिलोली नदी निवासी कुंती देवी पत्नी दिलखुश मोग्या को प्रसव पीड़ा हुई। इस पर शाम साढ़े पांच बजे के लगभग परिजन उसे मलारना स्टेशन अस्पताल लेकर गए। जहां अस्पताल पर ताला लगा था। परिजनों ने चिकित्सा स्टाफ को ढूंढा, लेकिन कोई नहीं मिला। इस दौरान साथ आई महिला ने परिसर में लगे टीनशेड के नीचे कुंती देवी का प्रसव करवाया। करीब आधा घंटे बाद सफाईकर्मी राजेश मौके पर पहुंचा। उसने ताला खोल कर जच्चा-बच्चा को वार्ड में लिया।

ग्रामीण बोले-पहले भी ऐसे मामले आ चुके सामने

ग्रामीणों का कहना है कि मलारना स्टेशन अस्पताल में अक्सर चिकित्सा स्टाफ नदारद रहता है। इससे पूर्व भी यहां स्टाफ के अभाव में खुले में प्रसव हो चुके हैं। शिकायत के बावजूद इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। चिकित्सा स्टाफ की मनमानी से आमजन के स्वास्थ्य से खिलवाड़ हो रहा है।

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इनका कहना है

अस्पताल का समय सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक का है। इसके बाद एएनएम ऑन कॉल आती है। वह लगभग पचास मीटर की दूरी पर किराए के मकान में रहती है। प्रसूता के परिजनों ने उन्हें फोन ही नहीं किया तो कैसे पता चलता। यहां प्रसव होते रहते हैं।
डॉ. सचिन शर्मा, राजकीय प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, मलारना स्टेशन

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