इस शोधार्थी दल में एक भारतवंशी वैज्ञानिक भी शामिल है।
वैज्ञानिकों की मानें तो इन जीवाणुओं से अंतरिक्षयात्रियों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है।
शोधार्थियों के अनुसार, पृथ्वी की कक्षा में मौजूद अंतरिक्ष प्रयोगशाला में अंतरिक्ष यात्रियों के स्वास्थ्य को खतरे की आशंका है।
शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के लिए चौदह महीने में तीन अंतरिक्ष उड़ानों में पारंपरिक तकनीक और जीन सिक्वेन्सिंग प्रणाली से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र के आठ स्थानों खिड़की, शौचालय, व्यायाम स्थल, डाइनिंग टेबल और सोने के कक्षों के फर्श से नमूने एकत्र किए थे।
अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर पाए गए ज्यादातर जीवाणु मानव को प्रभावित करने वाले हैं। इनमें स्टैफाईलोकोकस, पैंटोइया और बैसिलस शामिल हैं।