स्टडी के मुताबिक, 14 प्रतिशत महिलाओं ने काम से छुट्टी ली जिसमें से 3.5 प्रतिशत ने बताया कि यह तब हुआ जब वो अपने पीरियड्स के दिनों से गुज़र रही थीं। 81 प्रतिशत डच महिलाओं ने कहा कि उनके काम में आई कमी का कारण कुछ हद तक मासिक धर्म ( menstrual cycle ) है। यहां औसतन महिलाएं सालभर में 9 दिनों की छुट्टी पीरियड्स की वजह से लेती हैं।
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल British Medical Journal में छपी इस रिपोर्ट के मुताबिक, जिन महिलाओं ने काम से छुट्टी ली उन्होंने अपने पीरियड्स के बारे में न बताकर कोई और वजह देकर छुट्टी ली। केवल 5 में से 1 महिलाओं ने अपने बीमार होने की सही वजह बताई। बता दें कि 21 वीं सदी के दो दशक बीतने के बाद भी आज तक लोग पीरियड्स के विषय में बात करने से कतराते हैं। नीदरलैंड के रेडबड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर की गाइनोक्लोजिस्ट थियोडूर का कहना है कि “काम पर पीरियड्स के लक्षणों के प्रभाव के बारे में अधिक से अधिक खुलेपन की ज़रुरत है, और कंपनियों को अपनी महिला कर्मचारियों से इस बारे में अधिक खुला रहने की भी ज़रुरत है।”
कई देश ऐसे हैं जहां महिलाएं अपनी इस दिक्कत के बारे में बात नहीं कर पाती हैं छुट्टी लेने की बात तो दूर है। वहीं दुनिया का कुछ हिस्सा ऐसा भी है जहां कंपनी की तरफ से महिलाओं को पीरियड्स के दिनों में आराम दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर यूनाइटेड किंगडम स्थित एक समूह पीरियड्स के दिनों में महिलाओं को आराम देने के लिए उन्हें उस दिन अपने काम करने का समय खुद चुनने, घर से काम करने या फिर छुट्टी लेने की इजाज़त देता है।