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शनि ग्रह चंद्रमा के टाइटन पर ड्रैगनफ्लाई भेजने की बना रहा है योजना, 15 साल बाद पहुंचेगा ये ड्रोन!

Published: Jul 01, 2019 10:34:26 am

Submitted by:

Deepika Sharma

Nasa send dragonfly: इस ड्रैगनफ्लाई को प्रतिस्पर्धी के लिए भेजा जा रहा है
टाइटन’ ग्रह पर जीवन होने की संभावना जताई झआ रही है

 

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शनि ग्रह चंद्रमा के टाइटन पर ड्रैगनफ्लाई भेजने की बना रहा है योजना, 15 साल बाद पहुंचेगा ये ड्रोन!

नई दिल्ली। अमरीका amrica में नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) nasa गुरुवार को शनि ग्रह Saturn के सबसे बड़े चंद्रमा यानी टाइटन पर अपना ड्रैगनफ्लाई नाम का एक ड्रोन भेज रहा है। यह ड्रैगनफ्लाई (ड्रोन) परमाणु संचालित मिशन नासा के प्रतिस्पर्धी न्यू फ्रंटियर्स कार्यक्रम में हिस्सा लेगा। इसी ड्रोन ने न्यू होराइजंस अंतरिक्ष यान को लॉन्च
launch किया था।
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इतना ही नहीं यह बौने ग्रह यम पर जाने वाला सबसे पहला यान था। नासा के अधिकारीयों के अनुसार- “इस अभियान को लेकर सबसे अच्छी बात यह है कि चंद्रमा के “टाइटन’ ग्रह पर जीवन के लिए सभी जरूरी तत्व मौजूद हैं।’
बता दें कि इस ड्रोन को 2026 में लॉन्च करने और 2034 में टाइटन पर पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। शनि ग्रह के टाइटन पर उतारने से पहले इस ड्रोन को उबड़-खाबड़ जगह पर उतारने की योजना बनाई जा रही है। इस मिशन की लागत 85 करोड़ डॉलर के आसपास तय की गई है।
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अमरीका की अंतरिक्ष एजेंसी ने कुछ महीने पहले अपने एक बयान में कहा था कि “अगली बार हम… मंगल mars
पर उड़ान भरेंगे।’ मंगल हेलीकॉप्टर मार्स 2020 रोवर के साथ एक युनाइटेड लॉन्च अलायंस एटलस वी रॉकेट के जरिए जुलाई 2020 में फ्लोरिडा के केप कैनावरल एयर फोर्स स्टेशन के स्पेस लॉन्च कॉम्प्लेक्स 41 से एक प्रौद्योगिकी प्रदर्शक के रूप में लॉन्च किया जाएगा। इसके फरवरी 2021 में मंगल पर पहुंचने की संभावना है।

इससे पहले भी कई बार मंगल ग्रह पर पानी की मौजूदगी के बारे में वैज्ञानिकों ने शोध किए हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि हो सकता है मंगल की सतह के नीचे ज्वालामुखीय गतिविधियां हुई हों क्योंकि सतह के नीचे उष्मा के स्रोत के बगैर लाल ग्रह पर पानी की मौजूदगी संभव नहीं होगी। इससे पहले के अनुसंधान में यह सुझाव दिया गया था कि मंगल पर बर्फ से ढंके दक्षिण ध्रुव के नीचे पानी मौजूद है।
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