scriptहवा से कार्बन डाइऑक्साइड खींचों और खुद बना लो कोयला, वैज्ञानिकों ने सुझाई ये गजब की विधि | scientists figured out way to pull CO2 from air and turn It into coal | Patrika News

हवा से कार्बन डाइऑक्साइड खींचों और खुद बना लो कोयला, वैज्ञानिकों ने सुझाई ये गजब की विधि

locationनई दिल्लीPublished: Mar 13, 2019 02:27:29 pm

Submitted by:

Priya Singh

मेलबर्न विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का दावा
वैज्ञानिकों ने कार्बन डाइऑक्साइड को कोयला बनाने की विधि को समझाया
ग्लोबल वार्मिंग कम करने में एक बड़ी भूमिका निभा सकती है यह खोज

scientists figured out way to pull CO2 from air and turn It into coal

हवा से कार्बन डाइऑक्साइड खींचों और खुद बना लो कोयला, वैज्ञानिकों ने सुझाई ये गजब की विधि

नई दिल्ली। हाल ही में विज्ञान के क्षेत्र में वैज्ञानिकों ने हैरतअंगेज खोज की है। मेलबर्न में आरएमआईटी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक का दावा है कि हवा से कार्बन डाइऑक्साइड CO2 निकालकर उससे कोयला बनाया जा सकता है। इस सनसनीखेज खोज में वैज्ञानिकों ने बताया है कि हम हवा में व्याप्त CO2 को कैसे रिसाइकिल कर सकते हैं। जरनल नेचर कम्यूनिकेशन में इस रिसर्च के छपने के बाद इसे विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी सफलता माना जा रहा है। इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने चरण-दर-चरण हवा में व्याप्त कार्बन डाइऑक्साइड को कोयला बनाने की विधि को समझाया है। वैज्ञानिकों ने वायुमंडल से ग्रीनहाउस गैस निकालकर उसे ठोस कार्बन का रूप देकर बंद कर दिया। वायुमंडलीय कार्बन को इकठ्ठा करने की यह तकनीक अगर सही साबित हो जाती है तो मानव जाति के लिए बहुत कारगर होगी। अगर कार्बन बनाने की यह प्रक्रिया सफल होती है तो यह कार्बन चक्र नियंत्रित करने का मौका देगा।

जानकारी के लिए बता दें कि तेल और गैस की बड़ी-बड़ी कंपनियां कार्बन सीवेज प्लांट विकसित करने के लिए अरबों डॉलर खर्च करने को तैयार हैं। जिसमें तेल कंपनी Royal Dutch Shell भी शामिल है। तेल और गैस की बड़ी-बड़ी कंपनियों को कार्बन स्टोर करने के लिए एक ऐसे प्लांट की तलाश है जो पृथ्वी के अंदर ही कार्बन डाइऑक्साइड को स्टोर कर सके। पृथ्वी के अंदर ही CO2 स्टोर करने का यह तरीका बहुत महंगा है। यह तब तक मुमकिन नहीं जब तक इसके लिए भारी सब्सिडी न हो। लेकिन हवा से CO2 को निकालकर उसे स्टोर करने की जो ताज़ा प्रकिया वैज्ञानिकों ने बताई है वह कम खर्च वाली साबित हो सकती है। इस विधि से ना केवल एक सीमित ईंधन स्रोत का बोझ काम होगा बल्कि यह ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में भी एक बड़ी भूमिका निभा सकता है।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो