जून के दूसरे हफ्ते से कर सकेंगे मां वैष्णो देवी के दर्शन, पहले चरण में पैदल यात्रियों को जाने की अनुमति शेफ़ील्ड स्टडी ग्रुप के वैज्ञानिकों को मैग्मा ओशन प्लॉनेट (Magma Ocean Planet) का पता दूसरे तारों पर अध्ययन करने के दौरान चला। वे ब्रह्माण्ड में तारा बनाने वाले क्षेत्रों की खासियत पर स्टडी कर रहे थे। मैग्मा ऐसा ग्रह है जो चट्टानों और छोटे ग्रहों की क्रमिक टक्कर से बनते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इनका प्रभाव इतना ज्यादा होता है कि सतह इतनी गर्म हो जाती है कि वह पिघली हुई चट्टान बन जाती है। इस ग्रह के इसी रूप परिवर्तन से उन्हें खोजने में मदद मिलती है। उन्होंने बताया कि ये मैग्मा ओशन प्लॉनेट सूर्य जैसे अन्य तारों का पता लगाने में भी काम आ सकती हैं।
स्टडी के मुताबिक ये ग्रह इतनी गर्मी पैदा करते हैं कि हम इन्फ्रा-रेड टेलिस्कोप का उपयोग करके उनसे चमक देख सकते हैं। वैज्ञानिकों ने बताया कि जिन स्थानों पर हमें ये ग्रह मिले रहे हैं उन तारों की उम्र 100 मिलियन वर्ष से कम है।