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चांद के बाद अब मंगल पर बसेगी बस्ती, जुलाई में नासा भेजेगा यान

Published: May 18, 2020 04:36:15 pm

Submitted by:

Soma Roy

Life On Mars Planet :मंगल ग्रह की मिट्टी पर शोध के लिए पर्सिवियरेंस रोवर प्रक्षेपित किया जाएगा
मंगल ग्रह की सतह सूखी होने के साथ सूरज की अल्ट्रावॉयलेट किरणें चीजों को झुलसा देती हैं

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Life On Mars Planet

नई दिल्ली। जीवन की तलाश में अक्सर वैज्ञानिक नए-नए प्रयोग करते रहते हैं। चांद पर कदम रखने के बाद अब मंगल (Mars) पर बस्ती बनाने की जद्दोजहद शुरू हो गई है। इस सिलसिले में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा जुलाई में अपना एक यान भी भेजनी वाली है, जो वहां से मिट्टी के नमूने लाएगा।
मालूम हो कि नासा (NASA) मंगल ग्रह पर पर्सिवियरेंस रोवर (Rover) प्रक्षेपित करने वाला है। वैज्ञानिक इस बात की भी पड़ताल कर रहे हैं कि मंगल ग्रह पर कोई ऐसी सुरक्षित जगह खोजी जा सके जहां रुककर वैज्ञानिक मंगल ग्रह की बारीकियों को समझ सके। फिलहाल मंगल की सतह पर अभी ऐसी कोई जगह नहीं हैं जहां कैम्प लगाया जा सके। मगर पिछले कुछ समय पहले हुई एक खोज से वैज्ञानिकों के हाथ उम्मीद की एक किरण लगी है। उन्हें मंगल ग्रह पर हेलास प्लैनिटिया नाम के बेसिन के निचले इलाके में एक खास जगह मिली थी। शोधकर्ताओं का मानना है कि ये जगह रहने के लिए उपयुक्त हो सकती है। ये हिस्सा उल्का पिंड के टकराने से बना है।
मंगल का तापमान है चैलेंज
मंगल पर रहना आसान नहीं है क्योंकि वहां की सतह सूखी है। साथ ही सूर्य कि किरणें सीधी (अल्ट्रावॉयलेट किरणों सहित) वहां पहुंचती हैं। इसलिए वहां रहने योग्य जमीन तलाशना मुश्किल है। मगर हेलास के मैदान पर लावा के ट्यूब या सुरंगे हैं। जो वैज्ञानिकों के रुकने में काम की जगह बन सकती है। यहां अल्ट्रावॉयलेट किरणें अंदर नहीं आएंगी। इससे वैज्ञानिक बारीकी से मंगल ग्रह को समझ पाएंगे और चांद के बाद वहां किसी तरह से घर बनाए जाएं इस पर एक प्लान तैयार किया जा सकता है।
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